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Last Modified: गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 (10:42 IST)

ट्रांसवुमेन एक्ट्रेस बोनिता राजपुरोहित को LSD 2 के लिए देने पड़े कई ऑडिशन

वेबदुनिया से खास बातचीत करते हुए बोनिता ने अपनी जिंदगी और उनसे जुड़ी कई बातें साझा की।

Transwoman actress Bonita Rajpurohit had to give many auditions for LSD 2 - Transwoman actress Bonita Rajpurohit had to give many auditions for LSD 2
Bonita Rajpurohit Interview: 'लव सेक्स और धोखा 2' मेरे सामने कैसे यह रोल आया, मैं खुद नहीं जानती हूं। मेरे पास मैसेज आया कि फिल्म का ऑडिशन है आप करना चाहेंगी? मैंने सोचा इतने सारे काम कर ही रही हूं तो यह फिल्म का ऑडिशन भी दे देती हूं। दरअसल इसके पहले मैंने कई सारे ऑडिशन दिए है। तो होता है कि आपका नंबर कहीं ना कहीं लोगों के पास सेव होता है और जब भी ऐसा कोई रोल होता है जो मेरे लिए फिट बैठता हूं, उसके लिए मुझे एक बुला लिया जाता है। 
 
मैं ऑडिशन दे दिया और मैंने अपने आप से कहा चलिए एक फिल्म फिर से ट्राई कर लेती हूं। यह कहना है बोनिता राजपुरोहित का जो एक ट्रांसजेंडर एक्ट्रेस है और एलएसडी 2 में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। 
 
वेबदुनिया से खास बातचीत करते हुए बोनिता ने अपनी जिंदगी और उनसे जुड़ी कई बातें साझा की। वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं, मैं राजस्थान की हूं और इन दिनों वडोदरा में रहती हूं। मैं इसके पहले जब भी कोई ऑडिशन में जाती थी, अपना काम करती थी और कई बार यही होता था कि मेरा सिलेक्शन नहीं होता था। इस फिल्म के सिलेक्शन में मेरा ऑडिशन जो गया वह दे दिया गया। उसके बाद फिर एक ऑडिशन आया और ऐसे कई सारे ऑडिशन देने के बाद भी एक दिन मुझे कॉल और कहा कि इस बार जो ऑडिशन होगा वह ऑफिस में होगा। 
 
मैं तो तब तक मान चुकी थी कि जैसे हर बार मेरा किसी फिल्म में कुछ नहीं होता इस बार भी नहीं होने वाला है। तो क्यों ना ऐसा किया जाए कि यह प्रोडक्शन हाउस वाले मुझे सीधे बोल दे कि तुम्हारा सिलेक्शन नहीं हुआ है। इतने सारे ऑडिशन लेने क्या क्या मतलब निकलता है। मुझे तब तक अपने रोल के बारे में भी अच्छे से नही पता था। लेकिन फिर भी मैं गई। इस प्रोडक्शन हाउस के ऑफिस वालों ने मुझे बहुत प्यार से बताया कि ऑडिशंस किसलिए लिए जा रहे हैं। इतने सारे ऑडिशंस क्यों किए गए हैं और असल में यह रोल किस तरीके का है और किस तरीके से मुझे निभाना होगा? 
 
बोनिता ने कहा, हुआ यूं कि मैं तो वडोदरा से मुंबई आती थी, अपना ऑडिशन देती थी और चली जाती थी। एक बार दोस्तों के साथ में किसी शूट में बिजी थी तब फोन आता है और कहा जाता है कि अब आपको वर्कशॉप करनी पड़ेगी। वर्कशॉप के लिए जब मैं आई तब मुझे समझ में आया कि भाई बात तो बहुत सीरियस हो गई है। यानी यह फिल्म तो मुझे मिल ही गई है तो पहली बार मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए दी गई। 
 
ऐसे में मैंने एक बात सोची, मैं जो जिंदगी भर तक अपने ट्रांस होने की सच्चाई से दूर भागती रही और मेरा रोल ही कुछ इस तरीके से लिखा गया कि मुझे इस सच्चाई को लोगों के सामने लाना था। मैं बहुत ज्यादा सोच में पड़ गई। ऐसे में मुझे तन्वी मैम ने फोन किया और बहुत लंबे कॉल के दौरान मुझे समझाया गया कि मुझे यह रोल क्यों करना चाहिए? आपको लगता है इस फिल्म के जरिए ट्रांस लोगों के दिल की बात आम लोगों तक पहुंचेगी। 
 
बस यही सोच कर तो मैंने फिल्म कर ली थी। मैं तो बहुत ही पसोपेश में थी कि ऐसी फिल्म मुझे करनी है या नहीं करनी है लेकिन जब प्रोडक्शन हाउस ने मुझे बैठकर सारी बातें समझाई तब लगा कि हां। किसी भी ट्रांस के साथ क्या हुआ है, वह कैसे महसूस करते हैं। वह कैसे बातों का सामना करते हैं। किस तरीके से चीजों का सामना करना पड़ता है। यह सब बातें क्यों ना मैं अपनी जुबान ही लोगों के सामने लेकर आऊं। और इससे बड़ी बात क्या होगी कि ट्रांस लोगों की बातें ट्रांस लोगों के जुबानी आम लोगों तक पहुंच रही है।
 
इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए कई सारे ऐसे कमिटी लोगों के सामने आती है जहां ट्रांस या एलजीबीटीक्यू यह कम्युनिटी अपने दिल की बात लोगों तक पहुंचा सकते हैं। 
बिल्कुल आप सच कह रहे हैं बचपन में जब मैं अपने आप को देख कर तो मुझे लगता था कि इस पूरी दुनिया में मैं ही एक अकेली शख्स हूं। जो इन सब चीजों का सामना कर रही हूं। लेकिन अब मैं सोशल मीडिया के जरिए कई अलग-अलग तरह के लोगों से जुड़ी हुई हूं। ऐसा लगता है कि कोई प्रॉब्लम हो जाती कहीं कोई परेशानी खड़ी हो जाती है तो इन लोगों से बात की जाए। यह लोग, यह कम्युनिटीज, यह ग्रुप हम से बात करते हैं और अच्छी बात यह है कि कम से कम इस विषय पर लोगों की जागरूकता तो बढ़ रही है। अब कई लोगों को समझ आ गया है कि कोई परेशानी हो तो हम जानते हैं कि किन से बात करनी है।
 
फिल्म को लेकर आपके क्या अपेक्षाएं हैं?
मैंने बहुत सारी अपेक्षाएं नहीं लगा कर रखी। लेकिन फिर भी अगर मुझे बताना पड़े तो मैं दो बातें कहना चाहूंगी। पहला तो यह कि आप में से कितने लोगों ने ऐसा होते हुए देखा है कि फिल्म में किसी ट्रांसजेंडर महिला का रोल वही शख्स कर रही है जो खुद एक ट्रांसजेंडर है। यानी बात जो भी है वह सच्चाई के साथ लोगों के सामने रखने की कोशिश कर रही है और दूसरा यह कि मैं इस फिल्म को लेकर सिर्फ अपने से अपेक्षाएं लगाऊंगी। 
 
फिल्म चले या नहीं चले तो भी मैं दूसरों से कोई अपेक्षा नहीं लगा कर रखने वाली हूं और ना ही मैं उनके खिलाफ कोई शिकायत करने वाली हूं। मैं खुश रहने वाली हूं और यह हमेशा चाहती रहूंगी की ऐसी फिल्में मिलती रहें और भी कई रोल मुझे मिले। कुल जमा कहो तो मैं खुश रहना चाहती हूं। मैं लिखती भी हूं मैं फिल्में शूट भी कर सकती हूं तो मैं अपनी लिए कोई किरदार लिखूंगी। फिल्म को बनाऊंगी और लोगों के सामने लाऊंगी। जिसे देखना है वह देखेगा जिसे नहीं देखना वहीं नहीं देखेगा। 
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