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आपके अपने इतनी आसानी से खुश नहीं होते: आलिया भट्ट

आपके अपने इतनी आसानी से खुश नहीं होते: आलिया भट्ट - Alia Bhatt, Badrinath Ki Dulhania, Aashiqui 3
जुगल हंसराज के सामने मैं शरमा गई थी और पर्दे के पीछे छुप गई थी। ये बातें कह रही हैं 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' यानी आलिया भट्ट, जो उस समय सिर्फ 3 साल की रही होंगी।
 
आलिया बताती हैं कि मेरा शायद तीसरा जन्मदिन था और मेरे जन्मदिन पर जुगल हंसराज घर पर आए थे तब वे मेरे पापा के साथ 'पापा कहते हैं' फिल्म कर रहे थे। मैंने हाल ही में होम वीडियो देखा है जिसमें मेरे पापा और जुगल बैठे थे। पापा ने पूछा- बताओ जुगल, आपके लिए वह गाना गाएं- घर से निकलते ही...? तो जुगल ने यूं ही मुझसे बातें करना शुरू किया तो मैं शरमा गई थी। शायद मेरी जिंदगी में मैं पहली बार शरमाई थी।
 
'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' के साथ एक बार फिर से वे अपने डिम्पल वाले चेहरे की खूबसूरती दिखा रही हैं जिसमें वे वरुण की सोच बदल देती हैं। आलिया कहती हैं कि ये फिल्म जगत किसी परिवार जैसा ही है कि आप अपने वरिष्ठों से कैसे पेश आते हैं? आप अगर उनसे दिल से अच्छे बनकर पेश आओगे तो वे भी आपसे वैसे ही पेश आएंगे। सब दिल दा मामला है। कई लोग तो फिल्म भी इसीलिए बनाते थे, क्योंकि उन्हें दिल से लगता था कि वे फिल्म बनाएं। पहले कैसे लोग उधार लेकर व अपने घर गिरवी रखकर फिल्में बनाते थे। फिर आप अपने करियर की ऊंचाई पर हों या एकदम नीचे हों, आप कैसे किसी से आदर के साथ पेश आएंगे, वह ही अहम है, क्योंकि कोई भी आपसे कम नहीं होता है। वैसे भी मैंने तो सोसाइटी के बारे में भी सोचा है कि मैं भी सोसाइटी का ही हिस्सा हूं। कई लोग फिल्में चल जाने के बाद सोचने लगते हैं कि वे किसी और ही दुनिया से हैं। लोग या फैन अगर आपके साथ फोटो लेते हैं तो उन्हें घमंड आ जाता है। और जिस दिन ये घमंड आ गया, उस दिन आपका करियर डूबने लगेगा।


 
आपने करण की किताब 'अनसूटेबल बॉय' पढ़ी है? 
हां, अभी मैं वह किताब पढ़ रही हूं। मैंने पढ़ा कि यश अंकल ने कैसे मेहनत करके फिल्में बनाई हैं। अपनी फिल्म 'डुप्लीकेट' के समय में तो वे घाटे में चले गए थे। अगर 'कुछ-कुछ होता है' फिल्म न बनी होती तो वे पूरे ही घाटे में चले जाते। लेकिन फिर भी उन्होंने फिल्में तो बनाई ना, क्योंकि उसमें उनका दिल बसा था। अभी किताब मैंने पूरी पढ़ी नहीं है लेकिन पढ़ते समय लगता है कि करण कितने समय से फिल्मों में ही जुड़े हैं।
 
क्या कभी आप कोई किताब लिखेंगी?
नहीं, मैं लिखती नहीं, सोचती हूं। वैसे भी क्या लिखूं? लोगों ने कहा है कि कुछ खास बातें ही लिख दो? लेकिन किसके बारे में लिखूं? और क्या लिखूं?
 
'आशिकी 3' के बारे में क्या कहेंगी? 
क्या कहूं? अभी तो कुछ भी तय नहीं है। अभी तो फिल्म सिर्फ लिखी जा रही है। मोहित 'हॉफ गर्लफ्रैंड' की पोस्ट प्रोडक्शन कर रहे हैं। मुश्किल है कि ये फिल्म इस साल शुरू हो सके। मैं भी बहुत बिजी हूं।
 
आपकी फिल्म 'ड्रैगन' के बारे में कुछ बताइए?
'ड्रैगन' एक सुपर हीरो वाली फिल्म है।  ज्यादा तो नहीं बता सकती, लेकिन इतना कह सकती हूं कि कुछ तो नया होगा। ऐसा किरदार, जो आपने मुझे करते नहीं देखा होगा। सुपर नैचरल फिल्म है ये।
 
आपकी एक्टिंग के बारे में कभी कोई टिप्पणी करता है? 
आपके अपने कभी भी आपसे इतनी आसानी से खुश नहीं होते। ये ही वे लोग हैं, जो आपको बताते हैं कि हर वह चीज जो आप कर रहे हैं, वह अद्भुत नहीं हो सकती है। मेरे दो दोस्त हैं- अयान और अभिषेक। अयान 'ड्रैगन' बना रहे हैं और अभिषेक ने 'टू स्टेट्स' बनाई थी। वे लोग कहते रहते हैं कि ये अच्छा है लेकिन कोई बेहतरीन नहीं है। मेरे लिए ये जरूरी है कि मैं इस सोच से भी वाकिफ रहूं कि अगर अपने लोग ही मेरी तारीफ करेंगे तो मैं आलसी हो जाऊंगी। घर वाले न तो अच्छा कहते हैं और न ही बुरा। वे तो इसी बात से खुश हो जाते हैं कि मैं यही कहीं हूं। 
 
पिता महेश भट्ट कुछ नहीं कहते? उनके साथ कोई फिल्म नहीं करेंगी?
करूंगी ना, लेकिन कोई स्क्रिप्ट तो हो। हम तो कई बार घर में यही बात करते रहते हैं। इन दिनों मैं अपने पिता के साथ पहले से भी ज्यादा समय बिता रही हूं। हम लोग फिल्मों के बारे में बातें और बहस करते रहते हैं। मैं कई बार उनकी बातें शायद नहीं समझ पाती हूं लेकिन जब वे बोलते हैं तो बहुत अच्छा बोलते हैं। दुनिया के लिए वे महेश भट्ट हैं लेकिन मेरे लिए वे मेरे पापा हैं। वे बहुत खुश हो जाते हैं, जब उनसे कोई आकर पूछता है कि आप आलिया भट्ट के पापा हैं ना?
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