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Written By समय ताम्रकर
Last Modified: बुधवार, 26 नवंबर 2014 (16:53 IST)

'सेफ' नहीं रहे सैफ अली खान

'सेफ' नहीं रहे सैफ अली खान - Saif Ali Khan
फिल्म इंडस्ट्री में सेफ उस हीरो को कहा जाता है जिस पर दांव लगाना सबसे सुरक्षित होता है। खान तिकड़ी, अक्षय कुमार, अजय देवगन जैसे कुछ स्थापित सितारे इस समय सेफ माने जाते हैं। इन हीरो को फिल्म में लेने पर सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है। फिल्म पिटती भी है तो कम से कम अस्सी प्रतिशत लागत तो वसूल हो ही जाती है।  सैफ अली खान इस परिभाषा पर अब खरे नहीं उतरते हैं। हमशकल्स, हैप्पी एंडिंग, एजेंट विनोद, बुलेट राजा जैसी उनकी पिछली कुछ फिल्में इस कदर असफल रही हैं कि वितरकों और प्रदर्शकों का भरोसा सैफ पर से उठ गया है। ये फिल्में अपनी लागत का आधा भी वसूल नहीं कर पाई। हालिया रिलीज हैप्पी एंडिंग का हाल तो बहुत ही बुरा रहा है। पिछले छ:-सात वषों में सैफ की इक्का-दुक्का फिल्में ही सफल रही हैं और अब रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर और वरूण धवन जैसे अभिनेताओं के उदय से सैफ के स्टारडम को धक्का लगा है। 
 
ज्यादातर फिल्मों में सैफ ने मेट्रो में रहने वाले 'कूल' युवक की भूमिकाएं निभाई हैं क्योंकि इसी तरह के रोल में उन्हें पसंद किया जाता है। आखिर एक जैसी भूमिका वे कब तक निभाते। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकले और अलग भूमिकाएं निभाईं, लेकिन पसंद नहीं किए गए। एजेंट विनोद में जेम्स बांड नुमा रोल निभाया, परंतु दर्शकों को वे नहीं जमे। बुलेट राजा में यूपी के भैया बने किंतु दर्शकों को बनावटी लगे। हमशकल्स में कॉमेडी करते वे खुद असहज दिखाई दिए तो भला दर्शक उनके अभिनय पर कैसे ठहाके मारते। अंजाम यह हुआ कि 'हैप्पी एंडिंग',  जिसमें ‍वे चिर-परिचित अंदाज में नजर आए, उस फिल्म से भी दर्शकों ने दूरी बना ली। उम्र भी सैफ पर हावी होने लगी है। वे आमिर, शाहरुख और सलमान से छोटे हैं, लेकिन बड़े नजर आते हैं। 'हैप्पी एंडिंग' की असफलता का एक कारण यह भी है कि किरदार की डिमांड एक युवा कलाकार की थी और सैफ इसमें मिसफिट लगे। 
अपने बिजनेस पार्टनर दिनेश विजान से अलग होने की एक वजह यह भी है सैफ अपनी मर्जी की फिल्म बनाना चाहते हैं और दिनेश इससे सहमत नहीं है। सैफ के जिम्मे क्रिएटिव काम होता था जबकि दिनेश विजान फिल्म का आर्थिक पहलू देखते थे। दिनेश जानते हैं कि किस तरह की फिल्में सैफ को करनी चाहिए जिससे फिल्म सफल हो सके। कहा जाता है कि वे एजेंट विनोद पर ज्यादा पैसा लगाने के लिए तैयार नहीं थे, किंतु सैफ नहीं माने और फिल्म की असफलता ने दोनों के बीच दरार डाल दी। 
 
नायकों की रेस में दौड़ रहे सैफ को इस समय ठहर कर विचार-मंथन की जरूरत है। तभी उनके करियर को ऑक्सीजन मिल सकेगी।