शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. आलेख
  4. Ram Gopal Varma, Tiger Shroff, Kamal R Khan
Written By

रामगोपाल वर्मा... हम नहीं सुधरेंगे

रामगोपाल वर्मा... हम नहीं सुधरेंगे - Ram Gopal Varma, Tiger Shroff, Kamal R Khan
बात पहाड़ों जितनी पुरानी है, लेकिन अभी लोगों पर सही बैठती है। कई बार आपने पढ़ी होगी, एक बार और सही कि कुत्ते की दुम को पाइप में यह मान कर रख दो कि यह सीधी हो जाएगी, लेकिन वर्षों बाद भी पाइप से बाहर निकालो तो टेढ़ी ही मिलेगी। यही हाल रामगोपाल वर्मा और कमाल आर खान जैसे लोगों का है। बड़बोले हैं। बोलते समय ध्यान ही नहीं रखते कि उगले हुए शब्द फिर निगलने पड़ेंगे। कई बार माफी मांगते हैं और कुछ दिनों बाद फिर वही हरकत। 
 
कमाल खान का मामला तो फिर भी समझ आता है कि सोशल मीडिया जैसे माध्यम के कारण ही ये चर्चाओं में रहते हैं। सोशल मीडिया की रोशनी न मिले तो ये अंधेरों में गुम हो जाए। सोशल मीडिया के ये साइड इफेक्ट्स है और इन्हें झेलना ही पड़ता है, लेकिन रामगोपाल वर्मा पता नहीं ऐसी हरकतें क्यूं करते हैं। 
 
सोशल मीडिया का खिलौना जब से रामू को मिला है वे अपनी ऊर्जा यही जाया करते हैं। पहले तो उनके ट्वीट में कुछ अलग हट कर नजर आता था कि बंदा अलग तरह की सोच रखता है, लेकिन फिर वे स्तर से स्तरहीन हो गए। ऐसा ही मिजाज उनकी फिल्मों में भी नजर आता है। कहां शिवा, रंगीला, सत्या, कंपनी जैसी उम्दा फिल्में उन्होंने बनाई थी और डिपार्टमेंट, फूंक, रामगोपाल वर्मा की आग जैसी फिल्म बना कर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को बट्टा लगा लिया। 
 
रामू को समझ नहीं आ रहा है कि वे असफल क्यों हो रहे हैं? बजाय इस बारे में सोचने के वे दूसरों की सफलता से ईर्ष्या करने में लगे हुए हैं। बेफिजूल की बातों पर ट्वीट करते हैं। विद्युत जामवाल और टाइगर श्रॉफ में लड़ाई हो और कौन जीते, यहां तक भी ठीक है, लेकिन टाइगर श्रॉफ जैसी औरत उन्होंने नहीं देखी, फूहड़ता की मिसाल है। कई बार गाली-गलौच करते है और माफी मांग लेते हैं। 
 
ड्रिंक और ड्राइव का कॉम्बिनेशन बड़ा ही खतरनाक माना जाता है। इसी तरह ड्रिंक करने के बाद मोबाइल चलाना भी खतरनाक होता जा रहा है। वोदका के तीन-चार पैग अंदर जाते ही रामू के अंदर का शैतान बाहर आ जाता है। नशे में चूर होकर ट्वीट का सिलसिला शुरू हो जाता है और सुबह होश आने पर पता चलता है कि ये क्या कर बैठे हैं। 
 
क्या रामू और कमाल खान जैसे लोग सुधर ही नहीं सकते हैं?  कमाल सिर्फ नाम के ही कमाल हैं और उनसे बेहतर होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन रामू की दुर्दशा देख दु:ख होता है। बेहतर हो कि वे अपनी ऊर्जा अच्‍छी फिल्म बनाने में लगाएं।