शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. आलेख
  4. Goa Internation Film Festival
Written By
Last Updated : शनिवार, 6 दिसंबर 2014 (16:04 IST)

गोआ में समुद्री लहरों में सिनेमा का नया मुकाम

गोआ में समुद्री लहरों में सिनेमा का नया मुकाम - Goa Internation Film Festival
- गोआ से लौटकर ब्रजभूषण चतुर्वेदी
 
चीनी, मराठी, ईरान, रूस, वियतनाम तथा भारतीय भाषाओं का शानदार तोहफा देते हुए भारत का 45 वां अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह जहाँ दर्शकों को भा गया वहीं 313 शानदार (कुछ कमजोर फिल्में), 80 देशों की एक से बढ़कर एक चर्चित, क्लासिक, पुरस्कृत फिल्मों ने गोआ में ग्यारह दिनों तक अपनी श्रेष्ठता बतलाकर यह सिद्ध कर दिया कि भारत का यह भव्यतम समारोह विश्व के अनेकों चर्चित समारोहों जैसे कान, बर्लिन, न्यूयॉर्क, मनीला, मास्को, टोकियो आदि से कुछ कम नहीं है। 
 
विश्व सिनेमा में पहली बार अनेक भाषाओं की फिल्में एवं 13700 डेलिगेट्स का विश्व रिकॉर्ड समारोह की कई बातें कह गया। चीन की शानदार फिल्में जैसे - ग्रेटेस्ट हिपनेस्टिस्ट, जेनाइन लक्ट, भारत के मराठी सिनेमा की लोकमान्य, बाबा प्रकाश आमटे, नाबाद, द प्रेसिडेंट, द ग्रेन्डमास्टर फिल्में को देखकर महसूस हुआ कि विश्व में सिनेमा इतना लोकप्रिय क्यों है।
महानायक अमिताभ बच्चन, चर्चित सुपर स्टार रजनीकांत व ढेर सारे विश्व के फिल्मी सितारों के बीच 20 से 30 नवम्बर तक गोवा में समुद्री लहरों में सिनेमा ने नया मुकाम लिख दिया। सितारों की भागदौड़ व फिल्मों के प्रति लगाव को देखकर यह अहसास हुआ कि आज फिल्म संसार दर्शकों के दिलों पर विश्वभर में राज कर रहा है। 
 
मेरे जीवन का यह 58 वां अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह था व गोवा में भी ग्यारहवां यह समारोह में फिल्मों का लगातार जलवा देख रहा था। समारोह में देश विदेश के न सिर्फ फिल्मकार उपस्थित थे बल्कि भारत के चार-पांच दादा फालके अवार्डी जैसे गुलजार, श्याम बेनेगल, अडूरगोपाल कृष्णन आदि के साथ विश्व के वे फिल्मकार उपस्थित थे जिन्होंने फिल्म संसार को विश्वभर में बहुत कुछ दिया। 
 
समारोह जहाँ अच्छी फिल्में दिखा रहा था वहीं रजनीकांत जैसे कलाकार को शताब्दी का श्रेष्ठ पुरस्कार दिया गया। अनेक देशों की एनीमेशन फिल्मों ने थ्री-डी के माध्यम से अच्छी बातें कहीं, वहीं वहीदा रहमान जैसी अभिनेत्री ने समारोह को सफलतम बतलाया। लगभग एक करोड़ बीस लाख से अधिक के पुरस्कार समारोह के समापन पर दिए गए जो विश्व में पुरस्कार देने की सबसे अधिक राशि है। 
 
जब प्रतिस्पर्धा वर्ग की फिल्मों के प्रमुख स्वामामीर एडोजेन ने स्वर्ण मयूर के लिए समारोह की सर्वश्रेष्ठ फिल्म रूस की लेवायथन का नाम लिया तो पूरा स्टेडियम तालियों की आवाज से गूँज उठा। इजराइल की किंडर गार्डन टीचर को निर्देशन की श्रेष्ठ फिल्म, मराठी फिल्म एक हजार ची नोट को दो रजत पदक दिए गए। 
यह समारोह इसलिए भी यादगार रहा कि गोवा की राज्यपाल लेखिका मृदुला सिन्हा, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री व अब रक्षामंत्री श्री मनोहर पारीकर ने इस समारोह में मुख्यमंत्री पारसेकर एवं समारोह संचालनालय के निर्देशक श्री शंकर मोहनदेव के साथ न सिर्फ शुरू से अंत तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि गोआ के प्रकृति प्रेम व गोवा इंटरटेनमेंट सोसायटी की गरिमा भी बढ़ाई।
 
इस समारोह में जहाँ फिल्मों की श्रेष्ठता थी (मैंने भी 55 फिल्में देखी) वहीं रजिस्ट्रेशन, पत्रकारों के प्रति उदासिनता, पार्टियों में मीडिया की उपेक्षा, आनलाइन रजिस्ट्रेशन से उपजी सीटों की कमी एवं कुछ फिल्में नहीं देख पाना इस समारोह का फीकापन बना रहा। हां ग्यारह दिवसीय समारोह में यह बात भी प्रखर रही थी कि हिन्दी की भरपूर उपेक्षा हुई। हिन्दी बुलेटिन व अंग्रेजी के फेस्टीवल बुलेटिन भी आलोचना के शिकार होते रहे। जो फेस्टीवल में नहीं थे उनके भी लेख बुलेटिनों में छापे गये। 
 
विश्व सिनेमा खंड
शुभारंभ की फिल्म -
द प्रेसीडेंट (जार्जिया-फ्रांस-जर्मनी) थी हार्ट्स (फ्रांस-चेक), एजिस इन मारियल एंड (मेक्सिको), गोल्ड इन जुलाई (अमेरिका), कासिक्वेसेस (टर्की), क्रेम्स इन कोनेटेरे (आस्ट्रो), द डनटर जगेत्स (इजराइल), डाउन - द रिव्हर (जजरटेजान), पचेरिंग इन द मिडिल आफ नव्हम्बर वियतनामा द फूल (रूस), द फारगाटिन (बोलिनिया), द गुड्स आफ वाटर (अमेरिका), फोर - कारनर्स (साउथ अफ्रीका), फ्राक्स केयर (अमेरिका), होप (फ्रांस), द गिलपस काप द फ्लेश (पेस), द गाईड (यूक्रेन), ए हार्ड डे (दक्षिण कोरिया), हार्ट बीट (कनाड़ा), हिप्पोक्रेस्टन (फ्रांस), बाम एक नाट एरिना (अर्जेन्टाइना), जाय एम मूवर्स (नार्वे), वोन्ट कमबेक (रूस), इदा (पोलैण्ड), द इमीटेशन गेम (अमेरिका - यू.के.) जरनी टू द मदर (रूस), द लेम्व (टर्की), लेटर टू द किंग (नार्वे), लाइफ इन ए फिशबाज (पौलेण्ड), लाइन नेव्हर बिफोर (चैन), लिटिल इन्लैड (ग्रीस), लास हौगोज (कोलम्बिया), मार्दन (इरान), मेलर्बोन (ईरान), मिस इपानि (नार्वे), मोड्रिस (लेरीविया), मानुमेंट्स टू माइकल जेक्सन (सर्बिया), नगीया (करजानिस्तान), द नेरोकेम आफ मिडनाईट (मोरक्को), नेचरल साइंसेस (अर्जेन्टाइना), द पोस्टमेन व्हाइट नाइट्स (रूस), क्वीन एंड कंट्री (यू.के. पोलैण्ड), रेट एमिनिस्टा (चीन), रूखसाने (समानिया), इन (फ्रांस - जायवरी कोस्ट), सेन्ड डालर्स (डोमिनिशया), स्कोरिंग फार मेक्टा (बेलजियम), ए सेकंड चेंज (डेनमार्क), सिवास (टर्की-जर्मनी), द टीचर्स डायरी (थाइलैंड), द थ्योरी आफ द एव्रीथिंग (यू.एस.ए.), टू डे (ईरान), ट्रेक 143 (ईरान), द ट्राइव (यूक्रेन), टूरिस्ट (स्वीडन), टू स्टेप्स (यू.एस.ए.), वित्कार टूयूमा (अरेबिन), द वे ही लुक्स (ब्राजील), व्हेन यू वेन अप (लुफ्टानिया), व्हाईट मोस (रूस), व्हाइट शेडो (इटली-जर्मनी), द वंडर्स (इटली-स्वीटजरलैण्ड), एक्सीनिया (ग्रीस)।


 
फेस्टीवल कोडियोस्कोप की फिल्में -
50 डेज आफ साइसेंस (उजेविकिस्तान), ब्लेक कोज थिनजाइस (चीन), कर्मिग होम (चीन), कार्न जाइसलैड (जार्जिया), फेन्टेशिया (चीन), फील्ड आफ डागन (पौलेण्ड), जिरोनिमो (फ्रांस), द गोल्डन ऐरा (चीन हांगकांग), गुड वाय टू ऐंग्युऐज (फ्रांस), जिम्मीज हाल (यू.के. फ्रांस), द जजमेंट (बलगेरिया), मोमी (केनेडा), जोब्जी विमान (इथोमिना), पार्टी गर्ल्स (फ्रांस), रेड रोज (ईरान), द सर्च (फ्रांस), टेल्स (ईरान), टू डेज वन नाईट (बेलजिम)।
 
मास्टर स्ट्रोक की फिल्में -
क्लाउड्स आफ सिल्स मारिया (फ्रांस), डियरेस्ट (चीन), एन जाय फार ब्यूटीस (कनाड़ा), द एक्ट आफ एन ऐंजिल (यू.के.), फोर्स आफ डेरीटनी (आरयूजिया), फारेन बाडी (पौलेण्ड), मि. टर्नर (यू.के.), माय फारनिया डायरेक्टर्स कट (डेनमार्न), वन आन वन (साउथ कोरिया), ए पिजन सेट जान ब्रांचेस (स्वीडन-नार्वे), स्टीज द वाटर (जापन-फ्रांस), विंटर स्लीप (टर्की-फ्रांस)।
 
समापन की फिल्म -
द ग्रेन्ड मास्टर (चीन-हांगकांग)।
 
विशेष श्रद्धांजलि विश्व के फिल्मकारों को (फिल्में) -
जैन ड्रामेज (स्वीडन डेनमार्क - नार्वे, फिनलैंड)।
 
डाक्यूमेंट्री खण्ड में -
विश्व के अनेकों देशों की सर्वोत्तम डॉक्यूमेन्ट्रीज की शानदार फिल्में। साथ ही केसलो वास्की की 10 फिल्में तथा रिट्रास्पेक्टीव सिंहावलोकन खंड में 8 सुपरहिट पुरानी फिल्में, ईरान के मोहसीन मकमालब्फ की 10 फिल्में तथा कुछ अन्य वर्ग में तथा विश्व की फिल्मकारों की विभिन्न वर्गों में 30 फिल्में।
 
समारोह की प्रमुख बातें -
- सुपरस्टार अमिताभ बच्चन व रजनीकांत की लोकप्रियता आज भी कायम है, यह देखने को मिला। इसी प्रकार गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पारीकर की सबने प्रशंसा की। वे वर्ष 2004 में समारोह गोवा लाये थे।
 
- नये केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौर ने समापन में जो भाषण दिया, वह फिल्म संसार का एक शानदार दस्तावेज सभी के मुख पर आया।
 
- 80 देशों की भागीदारी, 13700 डेलिगेट्स, 500 से अधिक विश्व के मीडियाकर्मियों की उपस्थिति ने एक समारोहों की दुनिया में नया विश्व कीर्तिमान बनाया। 
 
- गोआ में स्थायी रूप से ही समारोह होगा, इस घोषणा का सभी ने स्वागत किया। 
 
- केन्द्रीय सूचना प्रसारण व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बीमारी के बाद भी समारोह में शुभारंभ पर भाषण दिया।
 
- समारोह की सबसे बड़ी पत्रकारवार्ता अभिनेता नाना पाटेकर व सोनाली कुलकर्णी की रही, जो करीब डेढ़ घंटा चली।
 
- समारोह में एक फिल्म कॉर्न आईसलेंड (जॉर्जिया) की थी, जो एक सेट पर बनी, आधे घंटे के भी संवाद 92 मिनिट की फिल्म में। दर्शक कह रहे थे, यह साईलेंट एरा की फिल्म है।
 
प्रतिस्पर्धा खंड की फिल्में -
100 रूपी नोट (मराठी), बी नेहियर (क्यूबा), आर वो (कनाडा), फिश (टर्की), जिनाईन लव्ह (चीन), सुजिशा (ईरान), किंडरगार्डन टीचर (इजराइल), लिविधान (रूस), सिराजे (हंगरी), मि. कन्जान (उरूग्वे), नावाद (अजरबेजान), नावको 2030 (वियतनाम), द ऑनर्स (अजरबेजान, रूस), ए शॉर्ट स्टोरी (बंगाली-भारत), टिम्बक टू (फ्रांस-माली)
 
भारतीय पेनोरमा (फीचर) -
ओथेले (असमिया), फनश्यच (बंगला), 1983 (मलयालम), दिसम्बर (कन्नड़), ए रेनी डे (मराठी), एडिक विचार (ओडिया), आखनदेखी (हिन्दी), रोधन (बंगाली), चोटम्बर चोबी (बंगाली), दिशायक (मलयालम), डॉ. प्रकाश बाबा आमटे (मराठी), एक हजाराची नोट (मराठी), एलिजाबेथ एकादशी (मराठी), गोहारी दास्तान - द फ्रीडम फाइट (हिन्दी), ओडीलव्ह दिले ना पटेन (बंगाली), किळा (मराठी), कुंडरम अडिथच (तमिल), लोकमान्य (मराठी), मुनायरजी (मलयालम), निजान (मलयालम), निजान स्टील रोपे (मलयालम), नोर्थ 24 अधनम (मलयालम), आर वन (खासी), स्वनापनम्‌ (मलयालम), तिनमाहोन (बंगाली), यलो (मराठी)
 
साथ ही उत्तर-पूर्वी खंड में 17 शानदार चर्चित फिल्मकारों की फिल्में, फोकस उत्तर-पूर्व में महिलाओं पर बनी 8 फिल्में, असम के विख्यात फिल्मकार की 8 शनदान फिल्में, नृत्यखंड में दिखाई गई 26 फिल्में, गुलजार द्वारा लिखित व निर्देशित 9 फिल्में, लता मंगेशकर, दिलीप कुमार, आशा भोसले, मृणाल सेन, अडूर गोपाल कृष्णन, श्याम बेनेगल, डी. रामानायडू, के. बालथेडन, सौमित्रो चटर्जी की एक-एक यादगार फिल्में यादगार खंड में। श्रृद्धांजलि खंड में भारतीय सिनेमा के जनक व स्वर्गवासी फिल्मकारों की 10 फिल्में एवं विद्यार्थी खंड में 20-22 फिल्में (भविष्य के फिल्मकार)।