मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. Why wagner group is important for russia
Written By BBC Hindi
Last Updated : रविवार, 25 जून 2023 (07:51 IST)

वैगनर ग्रुप रूस के लिए क्यों रहा है अहम, 5 बिंदुओं में समझें

वैगनर ग्रुप रूस के लिए क्यों रहा है अहम, 5 बिंदुओं में समझें - Why wagner group is important for russia
रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर  ग्रुप के प्रमुख ने पीछे हटने का फ़ैसला किया है। वहीं शनिवार को उनका कहना था कि उन्होंने रूस के दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में ‘सभी सैन्य ठिकानों’ पर कब्ज़ा कर लिया है। येवगेनी प्रिगोज़िन की घोषणा से तिलमिलाए राष्ट्रपति पुतिन ने इसे ‘पीठ में छुरा घोंपने’ जैसा बताया था और रूस को ‘धोखा’ देने वालों को सज़ा देने की बात कही था।
 
मॉस्को की ओर मार्च करने के लिए निकले प्रिगोज़िन का एक दिन पहले कहना था कि उनका मक़सद ‘सैन्य विद्रोह नहीं बल्कि न्याय के लिए मार्च करना है’ और रूसी सेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ लंबे समय तक चली उनकी ज़ुबानी जंग में नाटकीय बदलाव आने के बाद ऐसा हुआ है।
 
वैगनर  ग्रुप भाड़े के लड़ाकों की एक प्राइवेट आर्मी है जो यूक्रेन में रूसी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ती रही है। एक अनुमान के मुताबिक वहां वैगनर  ग्रुप के दसियों हज़ार लड़ाके मौजूद हैं।
 
यूक्रेनी सेना के हाथों बख़मूत शहर को कब्ज़े में लेने के लिए चली लंबी और बहुत खर्चीली लड़ाई में इस ग्रुप ने बहुत अहम भूमिका निभाई थी।
 
ग्रुप खुद को ‘प्राइवेट मिलिट्री कंपनी’ कहता है लेकिन रूसी सरकार ने हाल ही में कुछ ऐसे कदम उठाए जिससे इस ग्रुप के नियंत्रण को अपने हाथों में लेने के तौर पर देखा गया। और 23 जून को प्रिगोज़िन ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस का तर्क एक झूठ और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के लिए खुद को प्रमोट करने का महज़ एक बहाना था।
 
वैगनर  ग्रुप रूस के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसे पांच बिंदुओं में समझिए।
1. वैगनर  ग्रुप क्या है और कौन इसके लिए लड़ रहा है?
वैगनर  ग्रुप (आधिकारिक रूप से इसे पीएमसी वैगनर  कहा जाता है) की पहचान पहली बार 2014 में की गई जब पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की यह मदद कर रहा था।
 
उस समय यह एक गोपनीय संगठन हुआ करता था और ज़्यादातर अफ़्रीका और मध्य-पूर्व में सक्रिय था और माना जाता है कि उसके पास 5,000 लड़ाके थे, जिनमें अधिकांश रूस के इलीट रेजीमेंट और स्पेशल फ़ोर्स के रिटायर्ड सैनिक थे। तब से इसके आकार में काफ़ी बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
 
बीते जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था, “यूक्रेन में वैगनर  तकरीबन 50,000 लड़ाकों को नियंत्रित करता है और यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस के युद्ध में एक अहम किरदार बन चुका है।”
 
मंत्रालय के मुताबिक इस संगठन ने 2022 में बड़ी संख्या में लोगों की भर्ती करना शुरू किया क्योंकि नियमित सेना में भर्ती के लिए लोगों को ढूंढना रूस के लिए मुश्किल हो गया था।
 
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल ने कहा था कि वैगनर  लड़ाकों में 80% को जेल से लाया गया।
 
हालांकि भाड़े के सैनिक रखना रूस में ग़ैर-क़ानूनी है, इसलिए वैगनर  ग्रुप ने 2022 में एक कंपनी के रूप में खुद को पंजीकृत कराया और सेंट पीटर्सबर्ग में अपना नया मुख्यालय खोला।
 
रॉयल यूनाटेड सर्विस इंस्टीट्यूट थिंक टैंक से जुड़े डॉ। सैमुअल रमानी का कहना है, “ये रूसी शहरों में खुलेआम भर्ती कर रहा है, इसके प्रचार में पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं और रूसी मीडिया में इसे देशभक्त संगठन बताया जाता रहा है।”
 
2. वैगनर  ग्रुप यूक्रेन में क्या कर रहा है?
पूर्वी यूक्रेन के शहर बख़मूत पर रूस के कब्ज़े में वैगनर  ग्रुप की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। यूक्रेन की फौज का कहना है कि इसके लड़ाके हमले के लिए बड़ी संख्या में खुले मैदान में भेजे जाते थे, जिसमें अधिकांश मारे जाते थे।
 
शुरू में तो रक्षा मंत्रालय ने इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि वैगनर  ग्रुप लड़ाई में शामिल है। हालांकि बाद में उसने इसके लड़ाकों की ‘बहादुराना और निःस्वार्थ’ भूमिका की तारीफ़ की।
 
वैगनर  ग्रुप की शुरुआत कैसे हुई?
वैगनर  ग्रुप के बारे में बीबीसी की एक पड़ताल के अनुसार, इसकी शुरुआत में एक पूर्व रूसी आर्मी अफ़सर दिमित्री यूट्किन के शामिल होने की बात कही जाती है।
 
वो चेचेन्या में रूसी युद्ध से निकले रिटायर्ड सैनिक थे और माना जाता है कि वो वैगनर  के पहले फ़ील्ड कमांडर थे और उन्होंने इस ग्रुप का नाम अपने पूर्व रेडियो कॉल साइन के नाम पर इसका नाम रखा था।
 
वर्तमान में इस ग्रुप के प्रमुख हैं येवगेनी प्रिगोज़िन, जो एक धनी बिज़नेसमैन हैं और जिन्हें ‘पुतिन्स शेफ़’ के नाम से जाना जाता था क्योंकि वो क्रेमिलन के लिए कैटरिंग का काम देखते थे।
 
किंग्स कॉलेज लंदन में संघर्ष और सिक्युरिटी के प्रोफ़ेसर ट्रेसी जर्मन का कहना है, “वैगनर  ग्रुप का पहला ऑपरेशन था 2014 में क्रीमिया पर रूसी कब्ज़े में मदद करना।”
 
यूक्रेन पर हमले के कुछ हफ़्ते पहले ये समझा गया था कि वैगनर  ने ही यूक्रेन का झंडा लगाकर हमले किए ताकि क्रेमलिन को हमले का बहाना मिल जाए।
 
3. वैगनर  का रूसी फ़ौजी कमांडरों से कैसे टकराव हुआ?
हाल के महीनों में प्रिगोज़िन ने कई बार रक्षा मंत्री शोइगू और यूक्रेन में सेना के मुखिया वेलेरी गेरासिमो पर ‘अक्षमता और यूक्रेन में तैनात वैगनर  यूनिट को जान-बूझकर कम हथियार सप्लाई करने’ के आरोप लगाए।
 
रूसी रक्षा मंत्रालय ने अब कहा है कि यूक्रेन में वालंटियर लड़ाकों को जून के अंत तक उसके साथ कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने होंगे।
 
हालांकि इस घोषणा में वैगनर  ग्रुप का नाम नहीं लिया गया, लेकिन इस कदम को ग्रुप पर सरकारी नियंत्रण कायम करने की कोशिशों के तौर पर देखा गया।
 
प्रिगोज़िन ने आक्रोषित होकर एक बयान जारी कर घोषणा की कि उनके लड़ाके इस कांट्रैक्ट का बायकॉट करेंगे।
 
4. वैगनर  ग्रुप और कहां-कहां सक्रिय है?
साल 2015 से वैगनर  ग्रुप के लड़ाके सीरिया में सरकार समर्थक सुरक्षा बलों की मदद और तेल के कुओं की चौकसी का काम करते रहे हैं। वैगनर  ग्रुप के लड़ाके लीबिया में भी हैं, जहां वे जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार की वफ़ादार सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं।
 
सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक (सीएआर) ने हीरे की खदानों की पहरेदारी के लिए वैगनर  ग्रुप को निमंत्रित किया और माना जाता है कि सूडान में सोने की खदान की पहरेदारी भी यही कर रहे हैं।
 
पश्चिम अफ़्रीका में माली की सरकार इस्लामिक चरमपंथी ग्रुपों के ख़िलाफ़ वैगनर  ग्रुप को इस्तेमाल कर रही है। माना जाता है कि प्रिगोज़िन वैगनर  ग्रुप की इन कार्रवाईयों से पैसे बना रहे हैं।
 
अमेरिकी वित्त विभाग का कहना है कि वो अपनी मौजूदगी को अपनी मालिकाने वाली खनन कंपनियों को और समृद्ध बनाने में इस्तेमाल करते हैं और विभाग ने इन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
 
5. वैगनर  ग्रुप पर किन कथित अपराधों के इल्जाम हैं?
बीते जनवरी में एक पूर्व कमांडर ने वैगनर  ग्रुप छोड़ने के बाद नॉर्वे में शरण मांगी थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने अपनी आंखों से यूक्रेन में युद्ध अपराध देखे थे।
 
यूक्रेन के अभियोजकों ने वैगनर  ग्रुप के तीन लड़ाकों पर आरोप लगाए थे कि नियमित सेना के साथ लड़ते हुए अप्रैल 2021 में कीएव के पास नागरिकों को उन्होंने टॉर्चर किया और मार डाला।
 
जर्मनी की ख़ुफ़िया एजेंसी का कहना है कि हो सकता है कि वैगनर  लड़ाकों ने ही मार्च 2022 में बूचा में नागरिकों की सामूहिक हत्याएं की हों।
 
संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस की सरकार ने वैगनर  ग्रुप के सदस्यों पर सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक में नागरिकों के ख़िलाफ़ बलात्कार और लूटपाट के आरोप लगाए थे।
 
साल 2020 में अमेरिकी सेना ने वैगनर  लड़ाकों पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने लीबिया की राजधानी त्रिपोली के अंदर और बाहर बारूदी सुरंगे और आईडी बिछाया था।
ये भी पढ़ें
पटना में जुटे 15 दल क्या बिगाड़ सकेंगे बीजेपी का खेल