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Last Modified: सोमवार, 24 जुलाई 2017 (13:20 IST)

'पूनम राउत की कहानी दंगल फ़िल्म से कम नहीं है'

'पूनम राउत की कहानी दंगल फ़िल्म से कम नहीं है' - Poonam Raut
- रूना आशीष (मुंबई से)
"मुझे बहुत दुख हो रहा है कि जीत के इतना नज़दीक आकर हम हार गए। आख़िरी बल्लेबाज़ों ने मात्र 31 रन बनाए और चल दिए। विकेट पर खड़ा होना ज़रूरी था। वैसे भी शुरुआती बल्लेबाज़ों यानी हरमनप्रीत और पूनम ने तो पहले ही टीम को प्रेशर से बाहर निकाल लिया था।"
 
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार पूनम राउत के पिता गणेश राउत ने इंग्लैंड के हाथों भारत की हार पर अपना अफसोस कुछ इन लफ्ज़ों में बयां किया। गणेश राउत को इस बात का दुख है कि अगर टीम सौ या पचास रन से हारती तो बुरा नहीं लगता, लेकिन महज़ नौ रन से हारने का उन्हें दुख है।
शायद जीत जाते...
लॉर्ड्स के मैदान में इंग्लैंड के 228 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पूरी टीम 219 पर सिमट गई है। पूनम राउत का स्कोर सबसे ज़्यादा 86 रन रहा।
 
"ज़ाहिर है इंग्लैंड ने हम पर पूरा दबाव बनाए रखा। उन्होंने फ़ील्डिंग भी बेहतरीन की। लेकिन काश कि हम क्रीज़ पर सिर्फ़ टिके रहते तो भी शायद जीत जाते। मुझे पूनम के इतने अच्छे स्कोर के बावजूद दुख हो रहा है।"
 
ये कहते हुए राउत दंपत्ति की आखें भर आती हैं और इन्हीं डबडबाई आखों से पूनम की मां बताती हैं, "अब वो फ़ोन नहीं करेगी। अगर मैच जीत गए होते तो वो रात को साढ़े ग्यारह बजे या बारह बजे फ़ोन करती। अगला वर्ल्ड कप तो वो जीत कर लाएंगे।"
दंगल फ़िल्म से कम नहीं...
पूनम के पिता गणेश राउत आगे बताते हैं, "मेरी और पूनम की कहानी दंगल फ़िल्म से कम नहीं है। बचपन से ही पूनम को खेलने का शौक था। जब वो एक बार बचपन में गली क्रिकेट खेल रही थी तो उसकी बैटिंग को देख कर ऐसा लगा कि उसमें क्रिकेट खेलने की ललक है तो फिर हमने उसे विधिवत क्रिकेट खेलने भेजा।"
 
वो आगे कहते हैं, "मैं भी अपने समय में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलता था। जब भी पूनम को खेलता देखता हूं तो लगता है कि वो मेरे सपने को साकार कर रही है। वो ख़ुद भी मुझे ये ही कहती है कि देखो पापा अब मैं आपके क्रिकेट को आगे ले कर जा रही हूं।"
 
एशिया कप
पूनम जब 15 या 16 साल की थी तभी उनका सेलेक्शन एशिया कप के लिए हुआ था। गणेश इस वाकये को याद करते हुए कहते हैं, "मुझे एक बार चेन्नई से फ़ोन आया कि पूनम का सेलेक्शन एशिया कप के लिए हुआ है। इसका पासपोर्ट भेज दो। लेकिन हमारे पास कुछ नहीं था, तब वहां के अफ़सर बोले कि लड़की को इतना बढ़िया क्रिकेट खेला रहे हो, लेकिन पासपोर्ट तैयार नहीं है। मैंने तुरंत पासपोर्ट बनाने के लिए दौड़भाग शुरू की, लेकिन हम चार दिन से चूक गए थे और टीम पाकिस्तान पहुंच चुकी थी।"
 
मुंबई के बोरीवली पश्चिम इलाके में रहने वाली पूनम के मुहल्ले वालों ने उसके आने की खास तैयारियां शुरू की हैं। उसे खुली जीप में आस-पास के इलाके में घुमाने की भी प्लानिंग की जा रही है। वहीं पूनम के पिता गणेश बताते हैं, "हमें अभी मालूम चला है कि प्रधानमंत्री मोदी भी महिला क्रिकेट टीम से मिलना चाहते हैं। तो जब लड़कियां देश लौटेंगी तो दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलेंगी।"
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