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Last Updated : सोमवार, 8 अप्रैल 2024 (10:58 IST)

कुंडली में कोटिपति योग क्या है, किस प्रकार बनता है जातक करोड़पति

कोटिपति योग से जातक बन जाता है करोड़पति

kotipati yog in kundali
kotipati yog in kundali
Kotipati Yoga In Astrology In Birth Horoscope: ज्योतिष के अनुसार जन्म पत्रिका यानी जन्म कुंडली में कई तरह के योग होते हैं जैसे गजकेसरी योग, शश योग, राजयोग, विपरीत योग, पिशाच योग, विषयोग, केमद्रुम योग, अतिगंड योग, लक्ष्मी नारायण योग, चांडाल योग, बुधादित्य योग, आनन्दादि, मालव्य योग, हंस राजयोग, अंगारक योग, वैधृति योग, विधवा योग, अखंड साम्राज्य योग, गजलक्ष्मी योग आदि। आओ जानते हैं कि क्या होता है कोटिपति योग और क्या है इसका प्रभाव।
क्या है कोटिपति योग : 
दूसरे, पांचवें और ग्यारहवें भाव, घर या खाने की जो राशियां हैं वो स्थिर राशियां होना चाहिए। स्थिर राशियां वृषभ, सिंह, वृश्‍चिक और कुंभ होती है या राशियां दूसरे, पांचवें या ग्यारवें भाव में हैं तो कोटिपति योग की आधी शर्त पूरी हो गई। इसी के साथ ही कुंडली में जब शुक्र एवं बृहस्पति केन्द्रगत हों, लग्न चर राशि में हो व शनि केन्द्रस्थ हो, तब कोटिपित योग योग पूर्ण होता है। इसी के साथ ही यदि दूसरे, पांचवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी केंद्र में है तब भी कोटिपति योग बनता है। यह एक बहुत ही दुर्लभ योग है जो आमतौर पर नहीं पाया जाता है और केवल असाधारण लोग ही अपनी कुंडली में इस योग के साथ पैदा होते हैं।
karodpati yog
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कोटिपति योग का प्रभाव :
कोटिपति योग शुद्ध रूप से जिस भी जातक की कुंडली में होता है उसे करोड़पति बनने से कोई रोक नहीं सकता, लेकिन अशुद्ध रूप से बन रहा है तो रुकावट आएगी। अशुद्ध रूप अर्थात दूसरे, पांचवें और 11वें भाव के स्वामी राहु और केतु या भावस्थ, युत या दृष्‍ट है तो यह अशुद्ध माना जाएगा। कोटपति योग के संपूर्ण लाभों को प्राप्त करने के लिए लग्न के स्वामी को बहुत मजबूत होना चाहिए।
कोटिपति योग का जातक करियर, नौकरी या व्यापार में आसानी से सफलता प्राप्त कर लेता है। अधिकतर जातक सामान्य घरों से आते हैं लेकिन  वे सफलता की सीढ़ी के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं और बहुत सारा पैसा, प्रसिद्धि और भाग्य कमाते हैं।