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गुरु-राहु चांडाल योग : 12 राशियों के लिए कितना शुभ-कितना अशुभ

गुरु-राहु चांडाल योग : 12 राशियों के लिए कितना शुभ-कितना अशुभ - The Effects of Guru Chandal Yoga
* चांडाल योग : जानिए 12 राशियों के लिए उपाय... 


 

मेष राशि या लग्न वालों के लिए गुरु नवम व द्वादश भाव का स्वामी होकर पंचम भाव से चांडाल योग बनाने से धर्म में अरुचि, विवेक का ह्रास, संतान को कष्ट, बाहरी संबंधों में बिगाड़ की संभावना को बढ़ा देता है। ऐसी स्थिति यदि जन्म लग्न में हो तो अत्यंत प्रभावी होगा अत: भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। 




 

 

उपाय : दत्त भगवान के मंदिर में प्रति गुरुवार पांच केले चढ़ाएं व हल्दी या केसर का तिलक लगाएं। पुखराज पहनें।

 

 


वृषभ राशि व लग्न वालों को गुरु का चांडाल योग चतुर्थ भाव से बन रहा है। अतः पारिवारिक समस्याओं से जुझना पड़ेगा। सुख में कमी महसूस होगी। 
 
उपाय : नाभी में केसर का घोल लगाएं व कन्याओं को पांच केले दें एवं स्त्री का सम्मान करें। मांस-मदिरा का सेवन ना करें।


 

 


मिथुन राशि व लग्न वालों को गुरु-राहु का चांडाल योग तृतीय भाव से बन रहा है। पराक्रम में कमी अनावश्यक शत्रुओं से परेशानी का कारण बन सकती है। छोटे भाइयों को तकलीफ हो सकती है। पत्नी, दैनिक व्यवसाय व राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के लिए भी चिं‍ता का विषय है।

उपाय : केसर साथ में रखें। स्त्रियों का अपमान ना करें, वहीं छोटे भाइयों को मदद करें। 

 

 

कर्क राशि व लग्न वालों के लिए द्वितीय धन भाव से चांडाल योग बन रहा है। ऐसे जातकों को धन से संबंधित परेशानी, वाणी दोष, कुटुम्ब के व्यक्तियों से क्षति का सामना करना पड़ सकता है। शत्रु से परेशानी, भाग्य में बाधा रहेगी। 

उपाय :  पीला चंदन, केसर का तिलक लगाएं। हाथी को केले का प्रसाद खिलाएं।    

 

 

सिंह राशि व लग्न वालों के लिए लग्न से ही चांडाल योग बनने से बनते काम में रुकावट, भाइयों में टकराव, मानसिक चिंता, संतान से चिंता, स्वास्थ्य में कमी महसूस हो सकती है। 

उपाय : पुखराज पहनें व केसर का तिलक लगाएं। विद्या के क्षेत्र में पीली वस्तुओं का वितरण करें। 

 

 

कन्या राशि व लग्न वालों के लिए चांडाल योग द्वादश भाव से बन रहा है, ऐसी स्थिति में बाहरी संबंधों में सावधानी रखना होगी। यात्रा योग बने तो टालें, जरूरी होने पर सावधानी रखें। पारिवारिक मामलों में, स्त्री पक्ष के संबंधों में सतर्कता रखें व वाद-विवाद से बचकर चलें। 

उपाय : चने की दाल गाय को खिलाएं। 

 

 

तुला राशि व लग्न वालों के लिए एकादश आय भाव से चांडाल योग का भ्रमण होने से आय के साधनों में कमी महसूस होगी व बड़े भाइयों से मनमुटाव की संभावना रहेगी। अनैतिक कार्यों से धन आएगा। स्थायित्व नहीं रहेगा। 

उपाय : बड़े भाइयों का आदर करें व केसर का तिलक लगाएं।

 

 

वृश्चिक राशि व लग्न वालों के लिए चांडाल योग दशम भाव से होने से राजनीति के क्षेत्र में बाधा, व्यापार-व्यवसाय में रुकावटों का सामना, नौकरी मे परेशानी, पिता को कष्ट जैसी समस्या से जुझना पड़ता है। 

उपाय :  पुखराज धारण करना श्रेष्ठ रहेगा।

 

 


धनु राशि व लग्न वालों के लिए नवम भाव से भ्रमण होने के कारण भाग्य में कमी, धर्म-कर्म में आस्था की कमी व पारिवारिक कष्ट सहना पड़ता है। स्थानीय राजनीति में व्यवधान भी रहता है। 

उपाय : पुखराज धारण करें। हल्दी में रंगे सवा किलो आलू गाय को खिलाने से लाभ होता है।  


 

 


मकर राशि व लग्न वालों के लिए अष्टम भाव से चांडाल योग होने से चरित्र को सही रखें व स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बाहरी संबंधों में  सतर्कता बरतें। पराक्रम में कमी, शत्रु से बाधा रह सकती है। 

उपाय : पांच प्रकार का अनाज दान करें व भूरा कंबल किसी बुजुर्ग को दान कर सकते हैं।

 

 

कुंभ राशि व लग्न वालों के लिए सप्तम भाव से चांडाल योग चल रहा है, ऐसी स्थिति में दैनिक व्यवसाय पर कुप्रभाव पड़ता है। स्त्री से मनमुटाव व वाद-विवाद की संभावना बढ़ती है। आय में कमी महसूस करते है। शेयर मार्केट में हानि सहनी पड़ सकती है। 

उपाय :  जीवनसाथी को पीली वस्तु भेंट करें। 

 

 


मीन राशि व लग्न वालों के लिए षष्ट भाव से भ्रमण होने से शत्रुपक्ष में बाधा, कोर्ट कचहरी के मामलों में हार का सामना करना पड़ सकता हैं। प्रभाव में कमी, पिता को कष्ट रह सकता है। राजनीति मे व्यवधान भी संभव है। 

उपाय : पुखराज की अंगूठी मुहूर्त में बनवाकर धारण करें, व चने की दाल गाय को खिलाएं।