धनु संक्रांति का क्या होगा भारत पर असर
Dhanu Sankranti 2023 : सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने को धनु संक्रांति कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 16 दिसंबर 2023, दिन शनिवार को धनु संक्रांति रहेगी। जब भी सूर्यदेव गुरु की राशि धनु या मीन में विराजमान होते हैं तो उस समय को खरमास कहा जाता है। खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवित, गृह प्रवेश, मकान निर्माण, नया व्यापार या किसी भी तरह का कोई भी संस्कार नहीं करते हैं।
धनु संक्रांति फलम:-
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देश में चोरी और डकैती की घटनाएं बढ़ सकती है।
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वस्तुओं की लागत सामान्य रहने वाली है।
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तूफान और ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।
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सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव रहेगा।
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बारिश के अभाव में अकाल की सम्भावना बनेगी।
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कानू व्यवस्था, न्यायपालिका में सुधार होगा।
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देश भर में बैंकिंग क्षेत्रों में तेजी के साथ ही सुधार होगा।
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आर्थिक स्थिति में सुधार आने की आशंका है।
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प्रशासन और शासन में सुधार देखने को मिलेगा।
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सोना और चांदी के भाव बढ़ेंगे।
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शेयर बाजार में रासायनिक उर्वरक उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, इस्पात उद्योग, हिंडाल्को, वूलन मिल्स सहित अन्य उद्योगों में तेजी देखने को मिल सकती है। ऑप्टिकल उद्योग और कांच उद्योग इस दौरान अच्छा प्रदर्शन करते हुए नज़र आ सकते हैं।
धनु संक्रांति का महत्व:-
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जब सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन राशि में जाता है तब से खरमास या मलमास प्रारंभ होगा है।
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खरमास के लगते ही मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। एक माह तक मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं।
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इसलिए इस माह के दौरान भगवान विष्णु की नियमित रूप से पूजा करने का महत्व है।
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धनु संक्रांति के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाता है।
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भूटान और नेपाल में इस दिन जंगली आलू जिसे तारुल के नाम से जाना जाता है, उसे खाने का रिवाज है।
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जिस दिन से ऋतु की शुरुआत होती है उसकी पहली तारीख को लोग इस संक्रांति को बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं।
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यह कहा जाता है कि धनु राशि में सूर्य के आ जाने से मौसम में परिवर्तन हो जाता है और देश के कुछ हिस्सों में बारिश होने के कारण ठंड भी बढ़ सकती है।
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इस दिन के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह दिन बेहद ही पवित्र होता है ऐसे में जो कोई इंसान इस दिन विधिवत पूजा करते हैं उनके जीवन के सभी कष्ट अवश्य दूर होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।