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Written By Naidunia
Last Modified: इंदौर , शुक्रवार, 2 मार्च 2012 (14:52 IST)

रिजल्ट आउटसोर्स करेगा विवि

रिजल्ट आउटसोर्स करेगा विवि -
अव्यवस्थाओं से पार पाने में नाकाम विवि रिजल्ट बनाने के काम से ही पीछा छुड़ाने जा रहा है। विवि ने रिजल्ट प्रोसेसिंग के काम को आउटसोर्स करने का मन बनाया है। कुलपति ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। तीन मार्च को होने जा रही कार्यपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। विवि के इस कदम के साथ ही परीक्षा परिणाम में धांधली की कुशंकाएं भी सिर उठाने लगी है। कुलपति प्रो.राजकमल ने कार्यपरिषद की बैठक के एजेंडे में रिजल्ट के काम को आउटसोर्स करने का प्रस्ताव शामिल किया है। आउटसोर्स करने के विचार के पक्ष में तर्क दिया गया है कि 1986 में विवि में महज 25 हजार विद्यार्थी और कुछ ही संख्या में कॉलेज थे॥ अब विद्यार्थियों की संख्या 20 गुना बढ़ गई है। संबद्धता प्राप्त कॉलेजों की संख्या भी बढ़ी है। हालांकि कर्मचारियों की संख्या उतनी ही है जो 1986 में थी। इसलिए रिजल्ट तैयार करने और घोषित करने का कार्य समय पर नहीं हो पा रहा। इसलिए यह बेहतर रहेगा कि रिजल्ट प्रोसेसिंग के कार्य को आंशिक रुप से किसी बाहरी एजेंसी से करवाया जाए।


मंशा पर सवाल

विवि में आए दिन विद्यार्थी परीक्षा परिणाम और मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायत करने आ रहे हैं। ऐसे में ताजा प्रस्ताव कुशंकाओं को और भी बढ़ाने वाला है। रिजल्ट तैयार करने का काम बाहरी एजेंसी को दिए जाने की स्थिति में परिणामों में गड़बड़ी और धांधली की शंका बनी रहेगी। खास बात है कि बाहरी एजेंसी का उत्तरदायित्व भी तय नहीं रहेगा। विवि ने विवि का ऑटोमेशन कार्य भी आउटसोर्स किया था। हालांकि वर्षों बाद भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है और बाहरी एजेंसी पर विवि किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं कर सका है। ऐसे में रिजल्ट जैसे महत्‌वपूर्ण कार्य को आउटसोर्स किए जाने की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


छात्रों पर बढ़ेगा बोझ

कुलपति ने प्रस्ताव में कर्मचारियों की कमी होने का तर्क दिया है। विवि के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों के अनुसार विवि पैसा चुकाकर बाहरी एजेंसी को काम सौंप सकता है लेकिन कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर रहा। लंबे समय से पद खाली पड़े हैं। कई कर्मचारी वर्षों से दैनिक वेतनभोगी है। कर्मचारी संघ लगातार नई नियुक्तियां करने के लिए आंदोलन चला रहा है। हालांकि विवि इस पर कदम उठाने को तैयार नहीं। उल्लेखनीय है कि बाहरी एजेंसी से काम करवाने पर विवि का र्ख्‌च बढ़ेगा। इसकी वसूली तो छात्रों से ही की जाएगी।