Last Modified: खण्डवा ,
सोमवार, 30 नवंबर 2009 (15:33 IST)
खंडवा हमला: पुलिस ने खोजी मोटरसायकल
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के दो संदिग्ध आतंकियों ने गत 28 नवंबर को यहाँ अलग-अलग स्थानों पर अंधाधुंध गोली चलाकर आतंकवादी निरोधी दस्ते (एटीएस) के एक सिपाही, एक बैंक प्रबंधक एवं एक वकील की हत्या के मामले में पुलिस को कल एक लावारिस मोटरसाइकिल मिली है।
पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने संभवत: इसी मोटरसायकल का इस्तेमाल किया और भागते समय इसे तीन पुलिया इलाके में लावारिस छोड़ गए। यह मोटरसायकल गत 17 नवंबर को हरदा से चुराई गई थी। इसी आधार पर पुलिस ने चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
उन्होंने कहा कि मोटरसायकल चोरी के मामले में अभी जाँच चल रही है तथा पुलिस एटीएस के मृत सिपाही सीताराम के निवास पुलिस लाइन्स के आसपास गणेशगंज एवं रणजीत वार्ड के घरों को भी खंगाल रही है। यहाँ इस बात की जाँच की जा रही है कि किस परिवार का कौन-सा सदस्य 28 नवंबर और उसके आसपास की तारीखों में शहर से बाहर था।
दूसरी ओर, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.के. राउत ने कहा कि खण्डवा के इस आतंकी हमले में प्रतिबंधित सिमी का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में पुलिस इन सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर जाँच कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक सिमी ‘स्लीपर सेल’ के रूप में काम करता रहा है, यह पहला मौका है, जब 28 नवंबर को खण्डवा में उसने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस घटना में दो अज्ञात मोटरसायकल सवारों ने गत 28 नवंबर को शहर के अलग-अलग इलाकों में दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग कर एटीएस सिपाही सीताराम, सहकारी बैंक की स्थानीय शाखा के प्रबंधक रविशंकर पारे एवं वकील संजय पाल को मौत के घाट उतार दिया था। (भाषा)