भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हुए गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। इनमें नरेंद्र मोदी को जहाँ हैट्रिक लगाने की उम्मीद है वहीं सट्टेबाज का रुख कांग्रेस की ओर भी हो रहा है।
इस असमंजस का नतीजा त्रिशंकु विधानसभा भी समझा जा रहा है। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा के बागी उम्मीदवार भारी साबित हो सकते हैं जिन्हें टिकट देने से मोदी ने इंकार कर दिया था क्योंकि यही वे लोग होंगे जो यह तय करेंगे कि किसकी सरकार बने।
इस चुनाव में मतों की गिनती शुरू होने के मात्र एक दिन पहले शनिवार को सट्टा बाजार का रुख हल्का सा कांग्रेस की ओर झुक गया है। सट्टा बाजार में अचानक आए इस बदलाव का कारण कोई समझ नहीं पा रहा। गुजरात चुनाव परिणाम पर सट्टा बाजार में 1100 करोड़ रुपए दाँव पर हैं।
16 दिसंबर को हुए मतदान के अंतिम चरण के बाद से सट्टा बाजार धीरे-धीरे कांग्रेस के पक्ष में जा रहा था। इसका कारण मतदान का प्रश बताया जा रहा था।
मतदान के पहले जहाँ सट्टा बाजार ने विधानसभा की 182 सीटों में से भाजपा के पक्ष में 102 सीटें जाने का अनुमान लगाया था, वहीं 16 दिसंबर के बाद आँकड़ा 84 सीटों तक आकर सिमट गया। 182 सीटों में बहुमत के लिए 92 सीटों पर जीत जरूरी है।
इसलिए सट्टेबाजों ने सारा गणित 90 सीटों के आसपास लगाया है। दस दिन पहले तक कांग्रेस को 90 सीटों पर कोई दाँव लगाने को तैयार नहीं था, लेकिन आज कांग्रेस का भाव 90 सीटों के लिए साढ़े छः रुपए हो गया है। इसका मतलब यह है कि पहले सटोरियों की नजर में कांग्रेस परिदृश्य से बाहर थी, वहीं अब उसकी जीत की कुछ संभावनाएँ बनने लगी हैं।
पहले भाजपा की 90 सीटों के लिए सटोरियों ने 25 पैसे भाव तय किया था, वह अब घटकर 15 पैसे हो गया है। यानी भाजपा पहले से कुछ मजबूत तो हुई है, लेकिन कांग्रेस के कारण उसे स्पष्ट जीत तक पहुँचने में मुश्किल हो सकती है।