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आसमान में दिखाई देगा ग्रहों का युद्ध

1 मई की सुबह देखें यह नजारा

May 2011 | आसमान में दिखाई देगा ग्रहों का युद्ध
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मई माह आकाश में ग्रह युद्ध का गवाह बनेगा। इन दिनों लाल रंग का मंगल ग्रह, पीले रंग का बृहस्पति ग्रह और सफेद चमकीला शुक्र ग्रह सूर्योदय के समय पूरब दिशा में दिखाई दे रहे हैं, परंतु आगामी मई माह में इन ग्रहों की स्थिति युद्ध का दृश्य बनाएगी। लोग 1 मई को मंगल व बृहस्पति और 11 मई को बृहस्पति और शुक्र की आसमानी लड़ाई को देख सकेंगे।

यह विश्लेषण ज्योर्तिविद एवं खगोलविद ब्रजेंद्र श्रीवास्तव ने किया है। मौजूदा ग्रहचाल बताते हुए वे कहते हैं कि वर्तमान में बुध के साथ ये तीनों ग्रह मीन राशि और रेवती नक्षत्र पर इकट्ठा हैं। बुध ग्रह इन तीनों ग्रहों के साथ होने पर भी कठिनाई से दिखेगा।

एक मई की सुबह लाल मंगल और पीले बृहस्पति ग्रह की शून्य अंश 21 कला के अंतर से युति हो रही है। संहिता शास्त्र के मुताबिक शून्य अंश पर होने से यह युति ग्रह युद्ध कही जाती है। इस युति में मंगल थोड़ा ऊपर व उसके नीचे बृहस्पति ग्रह माला में रत्नों जैसे गूंथे हुए दिखाई देंगे।

युद्ध में पराजित होने वाला ग्रह करेगा परेशान :
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ज्योर्तिविद के अनुसार दोनों ग्रहों में जो ग्रह कम चमकीला होगा, वह इस आकाशीय युद्ध में पराजित माना जाएगा। पराजित ग्रह अपने प्रदेश व संबंधित प्रदेश, व्यक्ति वस्तु आदि पर बुरा असर डालेगा।

1 मई को मंगल व बृहस्पति ग्रह के युद्ध में यदि मंगल का रंग फीका, बिंब कंपनयुक्त दिखता है तो उसे पराजित माना जाएगा। इससे अग्नि, तांबा, मशीनरी केमिकल्स, रक्षा कर्म आदि में लगे व्यक्तियों को कष्ट होगा, पर अगर बृहस्पति ग्रह का बिंब फीका व कंपित लगता है तो धर्म कार्य में संलग्न व्यक्तियों, वित्त, बैंकिंग संबंधी कार्यकलाप क्षेत्र के प्रधान व्यक्तियों को परेशानी होगी।

मंगल गुरु ग्रह की यह युति शेयर बाजार में अस्थिरता लाएगी तथा वित्त बैंकिंग एवं मुद्रा कारोबार को अधिक प्रभावित करेगा। इस ग्रह दशा से छोटी-बड़ी धन समस्याएं भी पैदा होंगी।

मंगल व बृहस्पति की यह युति लगभग सवा दो साल के अंतर से होती है। पिछली युति 19 फरवरी 2009 को तथा अगली युति 22 जुलाई 2013 को होगी। ग्रहों का यह युद्ध दृश्य सुबह के समय पूरब दिशा में खुली आंखों से देखा जा सकेगा।