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Last Updated : शनिवार, 2 सितम्बर 2023 (12:38 IST)

Aditya-L1 Solar Mission: क्या होता है L1 यानी लैग्रेंज प्वाइंट जहां पहुंचेगा ISRO का आदित्य-L1

Aditya-L1 Solar Mission:  क्या होता है L1 यानी लैग्रेंज प्वाइंट जहां पहुंचेगा ISRO का आदित्य-L1 - What is L1 Lagrange Point in aditya mission?
Aditya-L1 Solar Mission: चांद के बाद अब भारत के इसरो ने 2 सितंबर को अपना पहला सूर्य मिशन (Solar Mission) ‘आदित्य-एल1’ (Aditya-L1) लॉन्‍च कर दिया है। शनिवार को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से इसे लॉन्च किया गया।

बता दें कि धरती से सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है। ऐसे में आदित्य-L1 मिशन धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित L1 यानी लैग्रेंज पॉइंट 1 पर जाएगा। इस जगह से से सूरज की दूरी 14.85 करोड़ किलोमीटर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक आदित्य-L1 इसी लैग्रेंज पॉइंट से सूरज की स्‍टडी करेगा। इस स्‍थान तक पहुंचने में सोलर मिशन आदित्‍य को 4 महीने का समय लगेगा।

क्या होता है L1 यानी लैग्रेंज प्वाइंट : इस मिशन में बार बार लैग्रेंज प्वाइंट शब्‍द आ रहा है। इसके साथ ही एल शब्‍द के बारे में लोग जानना चाहते हैं। ऐसे में आपको बता दें कि अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी जगह है जो पृथ्‍वी और सूरज के बीच सीधी रेखा में है। यह बिंदु धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। बता दें कि सूर्य की अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति है, तो वहीं पृथ्वी की अपनी। अंतरिक्ष में जहां पर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का असर खत्म होता है और सूरज की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का असर शुरू होता है, इसी पॉइंट को लैग्रेंज पॉइंट कहा जाता है। मिशन आदित्य-L1 को इसी पॉइंट पर तैनात किया जाएगा।

दो ग्रैविटी के बीच रहेगा आदित्‍य : वैज्ञानिकों इस मिशन को इस तरह से तैयार किया है कि यह लंबे समय तक वहां रहकर स्‍टडी कर सकता है। दरअसल, वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी और सूर्य की ग्रैविटी की जो सीमा है, वहां कोई छोटी वस्तु को लंबे समय तक रखा जा सकता है। आदित्य-L1 दोनों ग्रहों की ग्रैविटी के बीच फंसा रहेगा। इससे आदित्य-L1 के ईंधन की खपत कम होगी और वह ज्यादा दिन तक काम कर सकेगा। दरअसल, सूरज की सतह से फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियल रहता है। जबकि उसके केंद्र का तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है। ऐसे में किसी अंतरिक्षयान का वहां जाना संभव नहीं है, ऐसे में आदित्य-एल1 को लैग्रेंज पॉइंट पर स्थिर रखा जाएगा।

10 दिन में भारत की 2 उपलब्‍धियां: बता दें कि भारत के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं, क्‍योंकि करीब 10 दिन पहले ही इसरो ने अपने चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग की है। अब 2 सितंबर को आदित्य-L1 को सूर्य मिशन के लिए भेजा गया है। इतने कम समय में भारत और देश की स्‍पेस एजेंसी इसरो की यह दोनों उपलब्‍धियां देखकर दुनिया नतमस्‍तक है।
Edited By navin rangiyal
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