ऋषि-मुनियों ने स्वास्थ और आध्यात्मिक प्रश्नों की खोज के दौरान प्रकृति, पशु और पक्षियों का गहन अध्ययन कर यह जानने का प्रयास किया कि सहज रूप से किस तरह से स्वस्थ और चैतन्य रहा जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत है ऋषियों द्वारा अविष्कृत आसनों के प्रकार।
योग के आसनों को हम मुख्यत: छह भागों में बाँट सकते हैं:-
(A).पशुवत आसन: पहले प्रकार के वे आसन जो पशु-पक्षियों के उठने-बैठने और चलने-फिरने के ढंग के आधार पर बनाए गए हैं जैसे-