FILE कोई नई ज़मीं हो, नया आसमां भी हो,ऐ दिल अब उसके पास चलें, वो जहां भी होमहबूब वो कि सर से क़दम तक ख़ुलूस हो,आशिक़ वही जो इश्क़ से कुछ बदगुमां भी हो।-फ़िराक़ गोरखपुरी(ख़ुलूस = निष्कपटता)