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Last Updated : बुधवार, 19 अक्टूबर 2016 (12:19 IST)

श्रीराम की जन्मतिथि और वनगमन की दिनांक जानिए...

श्रीराम की जन्मतिथि और वनगमन की दिनांक जानिए... - bhagwan shri ram date of birth
रामायण में उल्लेखित घटनाओं को वाल्मीकिजी ने उस काल में ग्रह नक्षत्रों के आधार पर तिथिबद्ध किया था। उन्होंने प्रत्येक घटना का जिक्र करते हुए उसके साथ उस काल की आकाशीय स्थिति का भी जिक्र किया है। इसी आधार पर वैज्ञानिकों की एक शोध संस्था आई सर्व ने उन आकाशीय स्थिति पर शोध कर यह जाना की यह स्थिति कब और किस काल में बनी थी।

इस आधार पर उन्होंने वर्तमान कैलेंडर के अनुसार सटीक तिथि निर्धारण किया है। दशरथ के पुत्रेष्ठी यज्ञ से लेकर सीता के मिलने तक 25 के करीब आकाशीय दृष्य हूबहू मिलते हैं। यह एस्ट्रोनॉमिकल फैक्ट है कि जो आकाशी स्थिति आज है, जो नक्षत्र आज हैं वो 25600 साल में रिपीट नहीं करेंगे, इसी आधार पर श्रीराम के जीवन से जुड़े सभी घटनाक्रमों की तिथि को निकाल लिया गया है। आओ जानते हैं कि श्रीराम की जन्म तिथि और उनके वनगमन की तिथि क्या है।
 
श्रीराम की जन्म तिथि : भगवान राम का जन्म कब हुआ था? पुराण इस बारे में कुछ और कहते हैं जबकि रामायण पर आधारित शोधानुसार नई बात निकलकर सामने आई है। इस शोधानुसार 5114 ईसा पूर्व 10 जनवरी को दिन के 12.05 पर भगवान राम का जन्म हुआ था जबकि सैंकड़ों वर्षों से चैत्र मास (मार्च) की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता रहा है। राम एक ऐतिहासिक महापुरुष थे और इसके पर्याप्त प्रमाण हैं। चैत्र मास की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। लेकिन असल में वैज्ञानिक शोधकर्ताओं अनुसार राम की जन्म दिनांक वाल्मीकि द्वारा बताए गए ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर अनुसार कुछ और ही बताई जाती है।
 
वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि एवं पुनर्वसु नक्षत्र में जब पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में थे तब हुआ था। इस प्रकार सूर्य मेष में 10 डिग्री, मंगल मकर में 28 डिग्री, ब्रहस्पति कर्क में 5 डिग्री पर, शुक्र मीन में 27 डिग्री पर एवं शनि तुला राशि में 20 डिग्री पर था। (बाल कांड 18/श्लोक 8, 9)।
 
शोधकर्ता डॉ. वर्तक पीवी वर्तक के अनुसार ऐसी स्थिति 7323 ईसा पूर्व दिसंबर में ही निर्मित हुई थी, लेकिन प्रोफेसर तोबयस के अनुसार जन्म के ग्रहों के विन्यास के आधार पर श्रीराम का जन्म 7130 वर्ष पूर्व अर्थात 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व हुआ था। उनके अनुसार ऐसी आका‍शीय स्थिति तब भी बनी थी। तब 12 बजकर 25 मिनट पर आकाश में ऐसा ही दृष्य था जो कि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है।
 
हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि भगवान राम का जन्म 7323 ईसा पूर्व हुआ था। उनके अनुसार राम की जन्म दिनांक वाल्मीकि द्वारा बताए गए ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर अनुसार 4 दिसंबर 7323 ईसा पूर्व अर्थात आज से 9339 वर्ष पूर्व हुआ था।
 
ज्यातादर शोधकर्ता प्रोफेसर तोबयस के शोध से सहमत हैं। इसका मतलब यह कि राम का जन्म 10 जनवरी को 12 बजकर 25 मिनट पर 5114 ईसा पूर्व हुआ था। शोध संस्था आई सर्व के मुताबिक वाल्मीकि रामायण में जिक्र अनुसार श्रीराम के जन्म के वक्त ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का सॉफ्टवेयर से मिलान करने पर जो दिन मिला, वो दिन है 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व। उस दिन दोपहर 12 बजे अयोध्या के आकाश पर सितारों की स्थिति वाल्मीकि रामायण और सॉफ्टवेयर दोनों में एक जैसी है। लिहाजा, रिसर्चर इस नतीजे पर पहुंचे कि रामलाला का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व को हुआ।
 
आई सर्व के रिसर्चरों ने जब धार्मिक तिथियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चंद्र कैलेंडर की इस तिथि को आधुनिक कैलेंडर की तारीख में बदला तो वो ये जान कर हैरान रह गए कि सदियों से भारतवर्ष में रामलला का जन्म दिन बिल्कुल सही तिथि पर मनाया जाता आया है। दरअसल, जो जन्मतिथि आती है वो है 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व लेकिन जब इस तिथि को लूनर कैलेंडर में कन्वर्ट किया जाता है तो वह तिथि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी होती है। अब हम सब जानते हैं कि चैत्र शुक्ल की नवमी को राम नवमी मनाते हैं, तो वही दोपहर को 12 से 2 बजे के बीच समान तिथि निकली है। इस तरह अंग्रेंजी कैलेंडर के अनुसार 10 जनवरी लेकिन हिन्दू कैलेंडर अनुसार चैत्र माह की नवमी। प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर की मदद से शोधकर्ताओं ने ये भी पता लगाया की श्रीराम के भाईयों का जन्म कब हुआ था। 
 
वनगमन तिथि : वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड (2/4/18) के अनुसार दशरथ भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक करना चाहते थे क्योंकि उस समय उनका नक्षत्र सूर्य, मंगल और राहु से घिरा हुआ था। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसी खगोलीय स्थिति में या तो राजा मारा जाता हैं या वह किसी षड़यंत्र का शिकार हो जाता है।
 
राजा दशरथ मीन राशि के थे और उनका नक्षत्र रेवती था। ये सभी तथ्य कम्प्यूटर में डाले गए तो पाया कि 5 जनवरी वर्ष 5089 ईसा पूर्व अर्थात आज (2016) से 7105 वर्ष पूर्व सूर्य, मंगल और राहु तीनों मीन राशि के रेवती नक्षत्र पर स्थित थे। यह सर्वविदित है कि राजतिलक वाले दिन ही श्रीराम को वनवास जाना पड़ा था। इसी प्रकार यह वही दिन था जब श्रीराम को अयोध्या छोड़कर 14 वर्ष के लिए वन में जाना पड़ा था। इस हिसाब से उस समय श्रीराम की आयु 25 वर्ष (5114-5089) थी।
 
-संदर्भ : (वैदिक युग एवं रामायण काल की ऐतिहासिकता: सरोज बाला, अशोक भटनाकर, कुलभूषण मिश्र) 
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