गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. आलेख
  4. anti social elements
Written By

इन 10 तरह के लोगों के साथ रहेंगे तो पछताएंगे...

इन 10 तरह के लोगों के साथ रहेंगे तो पछताएंगे... | anti social elements
आपका कई लोगों से परिचय है बचपन के दोस्त, स्कूल के दोस्त, कॉलेज के दोस्त और ऑफिस के दोस्तों के अलावा आपके नाते, रिश्तेदार और पड़ोसी भी आपके मित्र या अन्य कोई हो सकते हैं। इसके अलावा यात्रा एवं किसी समारोह आदि में भी आपके बहुत से लोगों से संबंध बनते हैं।
सबसे मजेदार बात तो यह कि बहुत से लोग आपकी जिंदगी में कुछ समय के लिए आते हैं और चले जाते हैं। उनमें से कुछ आपकी जिंदगी में आकर तूफान खड़ा कर देते हैं, तो कुछ आपकी जिंदगी को फिर से संवार देते हैं। ऐसे भी होते हैं कि कुछ आपका सबकुछ लूटकर चले जाते हैं।
 
दुनिया में भांति-भांति के लोग हैं। उनमें से कुछ लोगों की पहचान करके हमें उनसे बचकर रहना चाहिए। महाभारत में सभी तरह के लोगों की चर्चा की गई है। चाणक्य ने भी कुछ लोगों से बचकर रहने की हिदायत दी है। भारतीय नीति शास्त्रों में इस तरह के लोगों का उल्लेख मिलता है। आओ जानते हैं कि हमें किन-किन लोगों से जिंदगी में बचकर रहना चाहिए। हमने इस तरह के ज्ञान को वर्तमान संदर्भ में लिखा है। 
हमेशा दुखी रहने वाला : दुखी व्यक्ति का साथ देना जरूरी है, लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि वह क्यों दुखी है। बहुत से लोग हैं, जो बिना बात के ही दुखी रहते हैं। यदि उन लोगों के साथ रहोगे तो आप भी धीरे धीरे दुखी होने लगोगे और अंत: आपकी जिंदगी में वास्तविक दुख भी प्रकट होने लगेंगे। चाणक्य का कहना था कि कुछ लोग भगवान द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं तथा अपना दुख महेशा ही दूसरे के सामने प्रकट करते रहते हैं। ऐसे लोगों से क्यों बचकर रहना चाहिए।
 
दुखी लोगों के साथ रहकर अच्‍छे-भले सुखी लोग भी दुखी हो जाते हैं। बार-बार दुख पर चर्चा करना और दुख के बारे में ही सोचते रहने से एक दिन आपके जीवन में भी दुख प्रवेश कर जाएगा और आप भी दुखी ही रहेंगे। हंसना, रोना, सुखी रहना और दुखी रहना यह संक्रमण रोग की तरह होता है। 

नकारात्मक व्यक्ति : बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि उनके समक्ष कुछ भी कहो, वे तर्क-वितर्क करके उसमें नकारात्मकता ही खोज लेंगे। ऐसे लोगों में संशय, संदेह, दुविधा, छल और डर रहता है। उनके मुंह से हमेशा नकारात्मक बातें ही निकलती रहती हैं।
नकारात्मक लोगों की जुबान पर हमेशा 'नहीं' शब्द विराजमान रहता। ये काम तो हो नहीं सकता, वहां जाकर क्या करेंगे, ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होगा, इस कार्य में कभी सफलता नहीं मिलेगी, यदि तुमने ये किया तो तुम बर्बाद हो जाओगे... ऐसे हजारों वाक्य हैं, जो नकारात्मक व्यक्ति की जुबान पर होते हैं।
 
नकारात्मक लोगों के साथ रहने से आपके भीतर निराशा, उदासी और तनाव का विकास होगा और आप भी खुद को जिंदगी में हारे हुए व्यक्ति समझेंगे। नकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग ब्लैक होल जैसे होते हैं, जो अचानक आकर हमारी पूरी ऊर्जा खींच लेते हैं। हम सकारात्मक बने रहने की कोशिश करते हैं, पर उनकी नकारात्मकता हावी हो जाती है। हम तनाव में हो जाते हैं, असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। 

मूर्ख व्यक्ति : मूर्ख की पहचान क्या है? मूर्ख भी कई प्रकार के होते हैं। पढ़े-लिखे लोग भी मूर्ख होते हैं। यदि आप मूर्ख नहीं हैं तो आप मूर्खों से दूर रहेंगे तो लाभ में रहेंगे अन्यथा आपकी गिनती भी मूर्खों में होगी। मूर्ख व्यक्ति को आप अपना दोस्त समझकर उसे कोई रहस्य बताएंगे, तो वह कभी भी राज नहीं रहेगा। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में मूढ़ लोगों के बारे में बताया है जो कि मूर्खों से भी बदतर होते हैं।
आजकल फेसबुक और वॉट्सअप पर ऐसे लाखों मूर्ख पाए जाते हैं, जो अपनी और अपनों की जिंदगी को जगजाहिर करने में लगे हैं। वे अपने जहरीले विचारों से अवगत कराते रहते हैं। वे इस माध्यम का सही उपयोग करना नहीं जानते हैं। मूर्खों की कोई निश्चित विचारधारा नहीं होती।
 
यह भी कहा जाता है कि मूर्ख व्यक्ति से ज्ञान की बातें नहीं करना चाहिए। वह कुछ का कुछ समझ लेगा। मूर्ख व्यक्ति का आप कितना ही भला करें, वह कभी भी पलट जाएगा। मूर्ख व्यक्ति के साथ सोच-समझकर ही व्यवहार करना चाहिए। हो सके तो उससे बचकर निकल जाएं तो ही अच्छा है। यदि आप उसका विरोध करेंगे तो खुद भी मूर्ख साबित हो जाएंगे। पढ़े-लिखे मूर्खों से समाज और राष्ट्र का ज्यादा नुकसान होता है। हमारे देश में बहुत से राजनेता, अभिनेता, कलाकार, साहित्यकार और पत्रकार बंधु मूर्ख हैं। आप जरा इनसे बचकर ही रहें।

झगड़ालू : झगड़ा करना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन किसी की आदत ही हो जाती है हर मुद्दे पर झगड़ते रहना। ऐसे लोगों को कब और कौन-सी बात चुभ जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे लोग आपके जीवन को नर्क बना सकते हैं। बात-बात पर झगड़ते रहना या कुछ न कुछ चुभने वाली बातें बोलते रहने वाले से आप दूर रहेंगे तो ही शांतिपूर्वक प्रगति कर पाएंगे।
झगड़ालू व्यक्ति खुद की जिंदगी में जहर तो घोल ही देता है साथ ही वह दूसरों की जिंदगी में जहर समान बना देता है। ऐसा व्यक्ति खुद को हर जगह सही साबित करने का प्रयास करता है और जब वह तर्कों या तथ्‍यों में हार जाता है जो तुरंत ही झगड़े पर उतर आता है। हालांकि झगड़ालू व्यक्ति की कई तरह की किस्में होती है। मुद्दे पर झगड़ने वाले को भी समझना होगा, क्योंकि मुद्दा बनाकर भी झगड़ा जा सकता है।
 
 

शराबी व्यक्ति : वेद और पुराणों में शराब का सख्त रूप से निषेध किया गया है। आप सोच रहे होंगे कि शराब पीने में क्या बुराई है। इस देश में सबसे ज्यादा अपराध शराब पीने वालों ने ही किए हैं। शराबी कई तरह के होते हैं- देवदास, औघड़, शौकिया, लती, अपराधी, राजसी आदि। इनमें से कुछ सही और कुछ गलत हैं। हो सकता है कि आप भी इनमें से एक हों। आपके बहुत से दोस्त होंगे जो शराब, शबाब या कबाब के दीवाने होंगे।
शराबी व्यक्ति के साथ रहकर आप कभी भी किसी ऐसी घटना-चक्र में फंस सकते हैं जिससे बाहर निकलने में आपकी जिंदगी के कई वर्ष और रुपए खर्च हो जाएंगे। आपके लिए आपका परिवार, समय और रुपया कोई अहमियत नहीं रखता है, तो आप पीते रहें शराब!
 
हालांकि आप यह भी तर्क दे सकते हैं कि शराबी जो घर में बैठककर चुपचाप पी कर सो जाता है वह बुरा थोड़ी ना होता है। ऐसा कई साहित्यकारों और राजसी लोगों को आप जानते ही होंगे, लेकिन आपको शराबी का मनोविज्ञान भी जान लेना चाहिए। शराब का दिमाग पर कम से कम तीन से चार दिन तक असर रहता है और यह आपकी सोच को पूरी तरह से बदल कर रख देता है। आप इस पर विश्लेषण कर सकते हैं। यह भी की यह आपके होश का स्तर निरंतर गिराती जाती है और अंत में आपका दिमाग बगैर शराब पीए भी अनकंड्रोल रहने लगाता है।
मीठी छुरी या बगुला भगत : क्या आप अपने दोस्तों की पहचान करना जानते हैं? आपके दोस्तों की फेहरिस्त में इस तरह के दोस्त हों तो सावधान रहें- दोहरे चरित्र वाले, हर बात बताओ का आग्रह करने वाले, मीठी छुरी और नकली मुस्कान वाले, बगुला भगत, जलन से भरे या ईर्ष्यालु, लगातार मुकाबला करने वाले या आपको प्रतिद्वं‍द्वी समझने वाले, हर बात पर फैसला सुनाने वाले, देवदास या लड़कीबाज, अपने अहं का प्यारा, धन के लालची, गप्पे मारने वाला आदि।
 
हालांकि इन सभी से बचकर रहना चाहिए, लेकिन मीठी छुरी या बगुला भगत से तो हमेशा बचकर रहें। बहुत-सी लड़कियां इस तरह के लोगों का शिकार हो जाती हैं। ये लोग पहले भांप लेते हैं कि किसे क्या पसंद है और फिर वे उसी तरह की बातें करते हैं। वे हमेशा हंसते-मुस्कुराते और सकारात्‍मक सोच को प्रदर्शित करते हैं। दोस्‍ती करने का यह उनका तरीका होता है।
 
ऐसे लोग बड़ी मासूमियत से आपकी जिंदगी का हिस्‍सा बनते हैं और आपकी अच्‍छाई का फायदा उठाते हैं और जब तक आपको होश आता है, वे आपका फायदा उठाकर निकल जाते हैं। हालांकि उनमें से कुछ का मकसद कुछ और भी रहता है। अच्छे विचारों में लिपटे ये लोग आपको आपके परिवार के प्रति विद्रोही भी बना सकते हैं या हो सकता है कि इनका मकसद आपसे शादी करना हो।

घमंडी : ऐसे कई व्यक्ति हैं, जो कुछ नहीं होते फिर भी घमंड पाले रहते हैं और लोगों पर जबरन ही रौब झाड़ा करते हैं। ऐसे भी कुछ लोग हैं, जो बहुत-कुछ होते हैं। उनके पास धन, पद और सम्मान सब कुछ होते हैं और इसी से वे घमंड करते हैं। दोनों ही तरह के लोगों से बचकर रहेंगे तो फायदे में रहेंगे अन्यथा ये लोग आपको हीनता का बोध कराते रहेंगे और आपको हरदम नीचा दिखाते रहेंगे।
हां, यह बात सही है कि हर व्‍यक्ति में थोड़ा-बहुत घमंड तो होता ही है, लेकिन कुछ ज्यादा ही घमंड है तो फिर वह आपका मित्र तो कतई नहीं बन सकता। अगर आपका कोई दोस्‍त आपसे पहले अपनी बात कहना चाहता है तथा वह आपकी बात सिर्फ इसलिए काट देता है, क्‍योंकि उसकी राय इससे जुदा है तो सही मायनों में आप अहंकारी व्‍यक्‍त‍ि से बात कर हैं।
 
ऐसे लोग अपने अहं के लिए घंटों लड़ सकते हैं। उन्‍हें इस बात से कोई सरोकार नहीं होता कि आप क्‍या कह रहे हैं। उनकी नजर में सिर्फ वे ही सही होते हैं। वे किसी भी सूरत में अपनी गलती मानने को तैयार नहीं होते। ऐसे लोगों से व्‍यवहार रखने का एक ही तरीका होता है कि आप उनकी हां में हां मिलाते जाएं।

ईर्ष्यालु : आपने देखे होंगे इस तरह के लोग, जो अक्सर आसपास मिल जाएंगे। जो आपसे ईर्ष्या रखते हैं, तो उनकी ईर्ष्या कभी भी दुश्मनी में बदल सकती है। वे हर वक्त आपके बारे में बुरा ही सोचेंगे। आपसे प्रतिद्वंद्विता की भावना रखने वाले भी अक्सर ईर्ष्यालु हो जाते हैं। ऐसे लोगों से बचकर दूर ही रहें अन्यथा आप भी उनके जैसे होकर अपने लक्ष्य से तो भटकेंगे ही, साथ ही समय और ऊर्जा भी नष्ट कर लेंगे।
दोस्‍त आपकी खुशी में खुश होते हैं, आपको देखकर जलते नहीं हैं। समस्‍या यह है कि आपसे जलने वाले लोग आमतौर पर छुपे रहते हैं। वे ऊपर से तो हंसते रहते हैं, लेकिन उनके भीतर ही भीतर ईर्ष्‍या की अग्नि धधक रही होती है। आप उनकी आंखों में यह सब देख सकते हैं। कई बार उनके शब्‍द भी उनके राज जाहिर कर देते हैं।
 
 

राजा : आजकल राजा तो रहे नहीं। पुराने समय में कहा जाता था कि राजा से दूरी बनाए रखना चाहिए अन्यथा कब राजदंड गले पड़ जाए, कोई नहीं जानता। यह भी हो सकता है कि फिर आपको जिंदगीभर अपने काम छोड़कर राजा के ही काम करना पड़े।
हालांकि आजकल राजा तो रहे नहीं, हां राजाओं की जगह आजकल जनता द्वारा चुने गए शासक और प्रशासक ने ले ली है। यदि आप इनके समान नहीं हैं और आपकी इनसे दोस्ती है तो फिर आपको इन्हें हरदम खुश रखना होगा अन्यथा आप मुसीबत में पड़ जाएंगे। ये शासक और प्रशासक परजीवी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनमें से कुछ दूसरों का समय और पैसा खाकर ही पलते और बढ़ते हैं।
दुष्ट या मूर्ख स्त्री : दुष्ट स्त्री कई प्रकार की होती है। कर्कशा, चरित्रहीन या बुरे स्वभाव की स्त्री से दूर रहने में ही भलाई है अन्यथा आपका मान-सम्मान तो जाएगा ही, साथ में धन और कीमती समय भी जाता रहेगा। चाणक्य का मानना था कि सज्जन पुरुष अगर ऐसी ही किसी स्त्री के संपर्क में आते हैं तो उन्हें अपयश ही प्राप्त होता है।