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क्या मानसून में बढ़ सकता है कोरोना : Expert Advice

क्या मानसून में बढ़ सकता है कोरोना : Expert Advice - can corona increase in monsoon
- अथर्व पंवार
मानसून का मौसम आ गया है और इसी के साथ देश में एक बार फिर कोरोना के केस भी बढ़ने लगे हैं। मूलतः यह उन्हीं राज्यों में बढ़ रहे हैं जो पहली और दूसरी लहर में भी चरम पर थे। लॉक डाउन, प्रथम लहर और दूसरी घातक लहर के कठिन समय को झेलने के बाद, इस बीमारी के केस बढ़ने से जाहिर सी बात है कि माथे पर चिंता की लकीरें बन सकती है। ऐसे में आम व्यक्ति के मन में एक प्रश्न तो दिमाग में आता ही है कि 'क्या मानसून में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं ?'
 
इसी प्रश्न का जवाब ढूंढने के लिए वेबदुनिया ने प्रतिष्ठित डॉक्टर ज्ञानेश पाटीदार से चर्चा की।
 
प्रश्न - देश में कोविड के केस फिर से बढ़ने लगे हैं और बारिश के समय इम्युनिटी कमजोर भी रहती है तो ऐसे में क्या बारिश में कोविड के केस बढ़ सकते हैं ?
उत्तर - नहीं, यह सब कांटेक्ट पर आधारित है। वैसे तो बारिश में इम्युनिटी कमजोर रहती है यह सही बात है पर कोविड के केस पहले की तरह अब नहीं बढ़ेंगे, बारिश में भी नहीं। यह बस एक आम सर्दी-खांसी और वायरल जैसा ही होगा।
 
प्रश्न - हमने मास्क, सेनिटाइजर के साथ दूसरे सभी हाइजेनिक तरीकों को छोड़ दिया है, तो क्या विशेषकर बरसात के मौसम में उन्हें अपनाना होगा, जब कोरोना फिर से बढ़ रहा है ?
उत्तर - नहीं, बस सोशल डिस्टेन्सिंग और मास्क का उपयोग जरूर करें। इस से संक्रमण को रोका जा सकता है।
 
प्रश्न - वैक्सीन के दोनों डोज और बूस्टर डोज के बाद भी क्या कोरोना का खतरा रहेगा ? जिन्होंने 2 डोज लगा लिए हैं तो उन्हें समय रहते बूस्टर डोज लगवाना चाहिए ?
उत्तर - अगर दोनों डोज लग चुके हैं तो आपकी बॉडी में इस वायरस से लड़ने की इम्युनिटी बन चुकी है। जिनकी इम्युनिटी वीक रहती है वह लोग बूस्टर डोज लगवा सकते हैं। विशेषकर जिन्हें डाइबिटीज है उन्हें तो बूस्टर डोज लगवाना ही चाहिए क्योंकि इन लोगों की इम्युनिटी दूसरों से कम रहती है।
 
प्रश्न - जैसे पहली लहर और फिर दूसरी लहर आई थी। तीसरी लहर भी आई पर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, मतलब हर साल कोरोना एक विशेष टाइम पीरियड पर आता है। तो क्या ऐसा मान लें कि यह हर साल ही आएगा ? और यह जो नया वेरिएंट है, यह कितना घातक सिद्ध होगा ?
उत्तर - कोरोना हमारे साथ रहेगा, पर वैक्सीनेशन के कारण यह कमजोर पड़ गया है। अब ऐसी कोई लहर नहीं आएगी। यह बस आम सर्दी-जुकाम और मौसमी बुखार जैसा ही रहेगा।
 
प्रश्न - जैसे हमने देखा है कि कोरोना का असर हार्ट प्रॉब्लम, डाइबिटीज, अस्थमा जैसी बीमारियों वाले लोगों पर अधिक हुआ है, तो जो यह नया वेरिएंट आया है, इसका असर किन पर होगा, और अब इस नए कोविड के क्या लक्षण होंगे ?
उत्तर - जैसा कि पहले बताया कि यह बस आम सर्दी-जुकाम जैसा ही रहेगा। पहली लहर में यह नया था, दूसरी लहर में और भी ज्यादा शक्तिशाली रहा, पर उसके बाद से भले ही इसके नए-नए वैरिएंट आए हो पर वैक्सीनेशन के कारण लोगों में इम्युनिटी बन चुकी थी। अब यह दूसरी बीमारियों की ही तरह आम हो गया है। ऐसी चिंता की कोई बात नहीं है।
 
प्रश्न - हमें बारिश में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर - बारिश में कम भीगें, गन्दगी से दूर रहें और सोशल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखें। ऐसी कोई विशेष बात नहीं है जिसका ध्यान रखना पड़े पर हां, मास्क लगाने से दूसरे इन्फेक्शन्स से बच सकते हैं।
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