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कश्मीर समस्या : संपूर्ण विश्लेषण पढ़ें-4

कश्मीरी मुसलमान कौन, जानिए

कश्मीर समस्या : संपूर्ण विश्लेषण पढ़ें-4 | Kashmiri Muslim
यह जंग है अपनों के खिलाफ अपनों की। इस जंग को भड़काने वाला है पाकिस्तान। दरअसल कैसे सभी कश्मीरी एक ही कुल के थे यह जानना हर कश्मीरी के लिए जरूरी है। कश्मीर में इस्लाम से आगमन के पहले यहां हिन्दू, बौद्ध और प्राचीनकाल में कुछ यहूदी एवं यवनी रहते थे। यवनी अर्थात यूनान के लोग। हम यहां सिर्फ कश्मीर की बात कर रहे हैं, लद्दाख और जम्मू की नहीं। ऐसे कश्‍मीर की जो आधा भारत और आधा पाकिस्तान में है। हम आपको बताएंगे कि कैसे भारत में हिन्दू और कश्मीर में हिन्दू पंडितों के खिलाफ हो गए परिवर्तित मुसलमान। इससे पहले जानें कश्मीरी मुसलमानों के बारे में...
जब तक इस्लाम नहीं आया था, तब तक यहां हिन्दू और बौद्ध ही मूल रूप से निवास करते थे। आज भी कुछ जगहों पर वे निवास करते हैं। कई कश्मीरी मुसलमानों के वंशज हिन्दू हैं। ये सभी पहले हिन्दू थे जैसे... प्रमुख कश्मीरी मुस्लिम कुल- लंगू, हन्डू, बगाती, भान, भट्ट, बट, धार, दार, सप्रू, कित्च्लेव, कस्बा, बोहरा (मुस्लिम खत्री), शेख, मगरे, लोन, मलिक राजपूत, मीर, वेन, बंदे, रथेर, बुच, द्राबू, गनै, गुरु, राठौर, पंडित, रैना, अहंगेर, खंडे, रेशी आदि। इनमें से कई अपने हिन्दू या सिख भाई की तरह ही हैं, जो एक समान वंश को दर्शाता है। 
 
मुस्लिम राजपूत : प्रमुख मुसलमान राजपूत अपने हिन्दू अतीत से लेकर अपने रूपांतरण के बाद भी अपने वंश या अपने पूर्वजों का सम्मान करते हैं। इनमें से कई परिवारों के पास अपने वंशों का रिकॉर्ड मौजूद हैं। कई राजपूतों को 12वीं सदी की शुरुआती दौर में ही इस्लाम कबूल करना पड़ा। इनमें से कुछ को अरब शासकों द्वारा शेख (जाति का प्रमुख) और मुगल शासकों द्वारा मिर्जा का खिताब दिया गया।
 
प्रमुख मुस्लिम राजपूत कुल निम्नलिखित हैं : राव राजा, राणा, राय चौधरी, कुंवर, खान, सरदार, सुल्तान, नवाब, मिर्जा, मलिक, मियां, जाम आदि।
 
अन्य हिन्दू जातियां जो मुसलमान बन गईं : भुट्टा मयो या मियो या मेवाती, जर्रल, जंजुआ, खाखा, मिन्हास/ मन्हास, चाधार, कैम्खानी, वट्टू, गाखर, सुधन, मियां, भट, कर्रल, सत्पंथ आदि। तो यह थे सभी हिन्दू जो आज मुसलमान हैं। आज कश्मीर में जाकर देखे तो गुर्जर समाज के कई परिवार मुसलमान भी हैं, हिन्दू भी और सिख भी।

इसी तरह ऐसे कई समाज के लोग हैं जो अब हिन्दू भी हैं और मुसलमान भी (जैसे गुर्जर, जाट, पंडित, राजपूत आदि), लेकिन हैं तो सभी एक ही कुल और समाज से। बदला है तो बस धर्म। सभी का खून तो एक ही है, लेकिन अब ये एक ही खून के लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे का खून बहा रहे हैं। क्यों? क्योंकि पाकिस्तान और तबलीग जमात ने इनके दिमाग को भारत और हिन्दू धर्म के खिलाफ कर दिया है। अर्थात अब एक ही कुल के लोग अपने ही अपनों के खिलाफ हैं। हिन्दू धर्म को नहीं समझ पाने की गफलत भी भारी पड़ी।