11 अगस्त को विशेष खगोलीय घटना होने वाली है जिसका ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व माना गया है।
देवगुरु बृहस्पति सिंह राशि में 13 माह गोचर के पश्चात 11 अगस्त को रात्रि 9.27 बजे बृहस्पति ग्रह कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जो अगले 13 महीने सितंबर 2017 तक कन्या राशि में ही रहेंगे।
गुरु का कन्या राशि में गोचर शोक का सूचक कहा गया है। बुध और गुरु का पारस्परिक संबंध देखा जाए तो सम और शत्रु का है।
इसमें विशेष रूप से देश के लिए गुरु का यह तृतीय गोचर राष्ट्र को यश, कीर्ति व ख्याति पूरे विश्व में बढ़ाएगा। धर्म को बढ़ावा देने वाला राष्ट्र विकास, आय में वृद्धि एवं उन्नति प्रदान करवाएगा। विवाह के योग भी अब बनना शुरू हो जाएंगे।
वृषभ, मकर और मीन राशि के लिए श्रेष्ठ, मेष, मिथुन, तुला और कुंभ राशि वाले जातकों के लिए विपरीत एवं अन्य राशियों के लिए इसका सामान्य प्रभाव रहेगा।
वैसे तो सभी ग्रह कुछ दिनों में राशि परिवर्तन करते हैं, परंतु देवगुरु 13 महीने तक कन्या राशि में रहेंगे इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
आगे पढ़ें राशियों पर प्रभाव...
बृहस्पति ग्रह परिवर्तन का विभिन्न राशियों पर प्रभाव :
1) मेष : सामान्य प्रभाव, शत्रु, व्यय, नुकसान परंतु सुखदायी प्राप्त होगा।
2) वृषभ : अच्छा प्रभाव, शिक्षा, संतति सुख एवं धार्मिक कार्य होंगे।
3) मिथुन : बुरा प्रभाव, सुख में कमी, लड़ाई-झगड़ा परेशानियां बढ़ाएगा।
4) कर्क : शुभ गोचर रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। प्रतिष्ठा और बढ़ाएगा।
5) सिंह : धन प्राप्त होगा। पदोन्नति, परंतु शत्रु एवं अस्वस्थ उत्पन्न कर सकता है।
6) कन्या : अति शुभ, लाभ प्राप्त होगा। वैवाहिक सुख बढ़ेगा, विद्या एवं धर्म में रुचि बढ़ेगी।
7) तुला : बुरा प्रभाव रहेगा, शत्रु एवं खर्च की चिंता बनी रहेगी, यात्रा अधिक होगी।
8) वृश्चिक : अति शुभ, आयकारक, ख्याति, सम्मान, विद्या और ज्ञान करवाएगा, प्राप्त होगा।
9) धनु : रोजगार, प्रमोशन होगा। धन-समृद्धि में वृद्धि देगा। रुके हुए काम बनने लगेंगे।
10) मकर : मांगलिक कार्य होंगे, स्वस्थ शिक्षा एवं संतति सुख देगा
11) कुम्भ : अच्छा नहीं रहेगा, अवनति, व्यय, नुकसान देगा, परंतु सुखदायी रहेगा।
12) मीन : अच्छा प्रभाव होगा, सुख-स्वास्थ्य, ख्याति, भाग्य, आय बढ़ाएगा।