जलिकट्टू तमिलनाडु का लोकप्रिय खेल है, जिससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। तमिल लोगों के बीच पोंगल उत्सव के समय जलिकट्टू सबसे अधिक पसंदीदा खेल है। यह बैलों से जुड़ा एक पारंपरिक खेल है, जिसका पुराना इतिहास है।
उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की जलिकट्टू से प्रतिबंध हटाने की अधिसूचना पर रोक लगाई है। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई), पेटा इंडिया और बेंगलूरु के एक एनजीओ ने चुनौती दी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खेलों में जानवरों के उपयोग को लेकर केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा कि कानून बनने तक जलिकट्टू पर अंतरिम रोक लगार्इ जाती है।
जलिकट्टू का तमिलनाडु में महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अध्यादेश जारी करने का आग्रह किया ताकि जल्लीकट्टू का आयोजन किया जा सके।
पशुहित के लिए काम करने वाली संस्थाएं जलिकट्टू पर सवाल उठाती रह हैं। यह अक्सर बहस का विषय होता है कि यह परंपरा बहादुरी का खेल है या फिर एक अमानवीय रिवाज?
जलिकट्टू का इतिहास : तमिलवासियों के लिए जलिकट्टू एक पारंपरिक खेल है, जो काफी प्राचीन समय से यहाँ लोकप्रिय है। तमिल साहित्य के अनुसार महिलाएँ उन्हीं पुरुषों से विवाह करती थीं जो बैल पर काबू पाते थे। उस समय बैल को अपने काबू में करने का यह खेल जीवन-मरण का खेल होता था।
देखिए जलिकट्टू कैसे खेला जाता है और जानवरों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता है।