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Last Modified: मंगलवार, 10 जुलाई 2018 (10:04 IST)

जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, सुनील राठी गिरफ्तार, हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद

जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, सुनील राठी गिरफ्तार, हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद - Munna Bajrangi murder case
बागपत/लखनऊ। पूर्वांचल के माफिया सरगना प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की सोमवार सुबह बागपत जेल में एक अन्य सरगना ने गोली मारकर हत्या कर दी। उसे बसपा के एक पूर्व विधायक से रंगदारी वसूली के मामले में स्थानीय अदालत में पेश किया जाना था।
 
हत्या के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त हथियार बरामद करने का दावा किया है। अधिकारियों ने बताया कि बजरंगी की हत्या के आरोपी सुनील राठी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
 
अवर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल एक नाली से बरामद की गई है। 10 खोखे, दो मैगजीन और 22 गोलियां बरामद की गई हैं।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार के अंदर हुई इस वारदात को गम्भीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में जेलर समेत कारागार के चार अधिकारियों को निलम्बित कर दिया गया है।
 
पुलिस उप महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा कि इस मामले की तीन जांच - मजिस्ट्रेट जांच, जेल प्रशासन की जांच और न्यायिक जांच - की जा रही है। घटनास्थल से .762 बोर के 10 खोखे बरामद हुए। कुछ कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
 
उन्होंने बताया कि जेल अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करा दी है। बजरंगी को कड़ी सुरक्षा में झांसी से बागपत जेल भेजा गया था। उसे बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से पिछले साल रंगदारी मांगे जाने के मामले में स्थानीय अदालत में पेशी के लिए झांसी कारागार से बागपत जेल लाया गया था।
 
सुनिल राठी ने बहस के बाद चलाई गोलियां : पुलिस अवर महानिदेशक (कारागार) चंद्र प्रकाश ने बताया कि बजरंगी को 10 अन्य कैदियों के साथ कमरे में रखा गया था। उन्होंने कहा, 'राठी ने सुबह किसी बात को लेकर हुई बहस के बाद बजरंगी पर कई गोलियां चलाईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।' 
 
बागपत के पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश ने कहा कि एक से ज्यादा गोलियां चलीं। घटना के बाद राठी ने हथियार नाली में फेंक दिया। हम जांच कर रहे हैं कि हथियार जेल के भीतर कैसे पहुंचा।

बजरंगी पर दर्ज थे 40 मामले : इस मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिन्दर सिंह और वार्डन माधव कुमार को निलम्बित कर दिया गया है। बजरंगी पर हत्या, लूट, अपहरण समेत कई जघन्य अपराधों के करीब 40 मामले दर्ज थे। बजरंगी अनेक आपराधिक मामलों में संलिप्त था, लेकिन जेल के अंदर इस तरह की घटना बेहद गम्भीर है। हम इसकी तह में जाएंगे, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे।
 
2012 में लड़ा था चुनाव : बजरंगी ने वर्ष 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर मड़ियाहूं सीट से चुनाव लड़ा था।
 
 
 
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि वारदात के बारे में उन्होंने पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रमुख सचिव से बात की है। इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया जेलर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही, न्यायिक जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
 
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुन्ना बजंरगी की पत्नी ने अपने पति की हत्या होने की आशंका जताते हुए उसकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी।
 
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