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Last Modified: सोमवार, 19 नवंबर 2018 (15:31 IST)

राजस्थान में अजमेर दक्षिण सीट पर दिखेगा रोचक मुकाबला

राजस्थान में अजमेर दक्षिण सीट पर दिखेगा रोचक मुकाबला - Rajasthan assembly election
अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिले की आठ विधानसभा सीटों में सबसे रोचक मुकाबला अजमेर दक्षिण सुरक्षित सीट पर होने की उम्मीद है। अजमेर दक्षिण सीट पर पिछले पांच विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने कोली समुदाय से ही उम्मीदवार बनाया है।


इनमें कांग्रेस को 1998 में मात्र एक बार जीत मिली है बाकी चार बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। यहां पर कोली समुदाय के 35000 वोट हैं और इस समुदाय से तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस से हेमंत  भाटी, भाजपा से वसुंधरा राजे सरकार की कैबिनेट मंत्री अनीता भदेल तथा हेमंत भाटी के बड़े भाई ललित भाटी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।

इसके साथ ही रैगर समुदाय के 40 हजार वोट हैं लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने कभी भी इस समुदाय से उम्मीदवार नहीं बनाया। रैगर समुदाय हर बार दोनों दलों से टिकट की मांग करते रहे हैं। इस बार रैगर समुदाय से राकेश सिवासिया ने निर्दलीय के रूप में पर्चा दाखिल करके चुनाव रोचक बना दिया है। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश कासलीवाल का मानना है कि अगर कोली वोटों का बंटवारा हुआ और रैगर समुदाय ने एक होकर वोट दिया नतीजा कुछ और ही देखने को मिल सकता है।

कांग्रेस के अजमेर प्रभारी विजय जैन ने बताया कि अजमेर दक्षिण की सीट पर करीब 26000 हजार मुस्लिम मतदाता हैं जिसका ज्यादातर वोट उनके पार्टी को मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा नौ हजार राजपूत मतदाता हैं तथा चार हजार रावणा राजपूत के वोट हैं जिसके कांग्रेस के पक्ष में जाने की उम्मीद है। जैन का मानना है कि पिछले पांच साल में भाजपा की सरकार ने जो वादे किए वे जस के तस हैं और भाजपा ने लोगों को गुमराह करने के अलावा कोई काम नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल में अजमेर की जबरदस्त उपेक्षा की है जो यहां के विधायकों की नाकामी को उजागर करती है। जैन ने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था की हालत बदतर है। पुलिस से लोगों का भरोसा उठ चुका है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। शहर में हत्या जैसी संगीन वारदातें हो रही हैं और हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। लोगों में अपनी सुरक्षा को लेकर भय का वातावरण है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार अपने वादे को पूरा करने के मामले में पूरी तरह विफल रही है।  इसके अलावा महंगाई, रोजगार और भ्रष्टाचार के मुद्दे भी जनता के सामने हैं। गौरतलब है कि अनीता बघेल पिछले तीन विधानसभा चुनाव में लगातार विजय होती रही हैं। पिछला चुनाव उन्होंने 29000 वोटों से जीता था। अनीता कोली समुदाय की सबसे लोकप्रिय नेता हैं। इसके साथ ही सिंधी और माली समुदाय के लोग भाजपा के पारंपरिक वोटर हैं।

अजमेर दक्षिणी सीट पर 21000 सिंधी मतदाता हैं जबकि माली मतदाताओं की संख्या 13000 है। एक तरफ अनीता बघेल जहां अपने काम के बूते अपनी जीत को सुनिश्चित करने के दावे कर रही हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी सत्ता विरोधी लहर तथा अजमेर उपचुनाव में अजमेर दक्षिण की सीट पर कांग्रेस की सात हजार मतों से जीत को लेकर उत्साहित है।

फरवरी 2017 में हुए लोकसभा उपचुनाव में अजमेर दक्षिण की सीट पर कांग्रेस ने पिछले 20 साल में पहली बार जीत हासिल की है। अजमेर दक्षिण की सीट पर करीब दो लाख छह हजार मतदाता हैं। गौरतलब है कि राज्य में सात दिसंबर को मतदान होगा और 11 दिसंबर को मतगणना कराई जाएगी।
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