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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 28 अप्रैल 2010 (20:35 IST)

यूलिप पर कमीशन का खुलासा करें-इरडा

यूलिप पर कमीशन का खुलासा करें-इरडा -
बीमा नियामक इरडा ने जीवन बीमा कंपनियों से यूलिप उत्पादों की बिक्री पर एजेंटों को दिए जाने वाले कमीशन का खुलासा करने को कहा है। एजेंटों को यूलिप की बिक्री पर भारी कमीशन दिए जाने को लेकर पहले ही बहस जारी है, जबकि साझा कोषों को इस कमीशन पर आपत्ति है।

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एजेंट या ब्रोकर को देय ब्रोकरेज या कमीशन का खुलासा करने का निर्णय किया गया है। इरडा ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जबकि वह इस मुद्दे पर बाजार नियामक सेबी के साथ खुली बहस तथा कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। यूलिप उत्पादों पर सेबी का नियंत्रण है।

बीमा कंपनियों ने कुल मिलाकर इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि एक जुलाई 2010 से प्रभावी होने वाले इस निर्णय से पारदर्शिता आएगी और संभावित पालिसीधारकों को इस बात की स्पष्ट जानकारी मिलेगी कि ब्रोकरेज या कमीशन के रूप में उनसे कितनी राशि ली जा रही है।

साझा कोष उद्योग के जानकारों का कहना है कि अब यह निवेशकों को तय करना होगा कि वे कौनसा उत्पाद चुनते हैं। एक्सिस म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक राजीव आनंद ने कहा कि जहाँ तक साझा कोषों की बात है तो म्युचुअल फंड उत्पाद की लागत खर्च के बारे में पूरी पारदर्शिता है। अब ग्राहकों पर निर्भर करेगा कि वे कौनसा उत्पाद चुनते हैं। बीमा उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इरडा के कदम से निवेशकों के पास विभिन्न उत्पादों में बेहतर चयन का विकल्प होगा।

मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक राजेश रेलान ने कहा कि यह जरूरी है कि निवेशकों को उत्पाद कीमत के प्रमुख हिस्सों की सारी जानकारी रहे जिसमें कमीशन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उद्योग के रूप में हम परिपक्व हो रहे हैं और इरडा के इस कदम से दीर्घकालिक निवेश विकल्प के रूप में स्थापित होने में बीमा उत्पादों को मदद मिलेगी।

सर्कुलर में कहा गया है कि इससे संभावित पॉलिसीधारकों को उस राशि की स्पष्ट सूचना देकर और पारदर्शिता लाई जाएगी, जो राशि ब्रोकरेज या कमीशन के तौर पर एकत्र की गई है। नया नियम एक जुलाई, 2010 से प्रभावी हो जाएगा।

म्युच्युअल फंड उद्योग ने सेबी से शिकायत की थी कि यूलिप पर एजेंटों को भारी कमीशन दिया जाता है, जिसका उन्हें नुकसान होता है क्योंकि एजेंट निवेशकों से यूलिप खरीदने का ही आग्रह करते हैं। (भाषा)