Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 14 अगस्त 2013 (19:48 IST)
देश में भ्रष्टाचार बड़ी चुनौती : राष्ट्रपति
अगले साल होने वाले चुनाव स्थिर सरकार चुनने का मौका देंगे
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नई दिल्ली। देश के 67वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद और विधानसभाओं में कामकाज की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार बड़ी चुनौती बन गया है।
राष्ट्रपति ने शासन और संस्थाओं के कामकाज में व्यापक ‘निराशा और भ्रम’ की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि अगले साल के चुनाव एक ऐसी स्थिर सरकार को चुनने का अवसर देंगे, जो सुरक्षा तथा आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगी।
वस्तुत: मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए मुखर्जी ने अगले साल होने वाले आम चुनावों का जिक्र किया और कहा, ‘लोकतंत्र का यह महोत्सव हमारे लिए स्थिर सरकार चुनने का अवसर होगा जो सुरक्षा तथा आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगी।’
उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक चुनाव सामाजिक सौहार्द, शांति और समृद्धि की दिशा में हमारे देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ने देश को एक और स्वर्णिम युग बनाने का अवसर प्रदान किया है।
मुखर्जी ने कहा, ‘इस अद्भुत अवसर को गंवाना नहीं चाहिए। आगे की यात्रा बुद्धिमता, साहस और दृढ़निश्चय की मांग करती है। हमें अपने मूल्यों और संस्थाओं के व्यापक पुनर्निर्माण के लिए काम करना चाहिए।’
राष्ट्रपति के मुताबिक, ‘हमें समझना चाहिए कि जिम्मेदारियों के साथ अधिकार होते हैं। हमें आत्म-निरीक्षण और आत्म-संयम के गुण को फिर से खोजना चाहिए।’ (भाषा)