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Last Updated : बुधवार, 17 अप्रैल 2019 (18:34 IST)

जिम्मी मगिलिगन की याद में कम कीमत और लंबे समय तक चलने वाली तकनीक पर सेमिनार आयोजित

जिम्मी मगिलिगन की याद में कम कीमत और लंबे समय तक चलने वाली तकनीक पर सेमिनार आयोजित - Jimmy McGilligan Memorial Seminar Sustainable and Affordable technologies in India
भारत में कम कीमत और लंबे समय तक चलने वाली तकनीक विषय पर एक सेमिनार श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस और टेक्नोलॉजी संस्थान में आयोजित किया गया। वाइस चांसलर उपिंदर धार ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सही तरीके से काम करते हुए इस मकसद को पूरा किए जाने की जरूरत है। श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन ने जिम्मी मगिलिगन की याद में किए जा रहे कार्यक्रम के मकसद पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों का सहयोग लंबे समय तक चलने वाली तकनीक के विकास में प्राप्त करना है।  
 
श्रीमती पलटा ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि सरल तकनीक की मदद से सोलर ऊर्जा का उपयोग, बिना धुंए के चूल्हे, सोलर कुकर, पानी जमा करना, पुराने कुओं को सुधारना और आदिवासियों लड़कियों को इस सभी कामों में ट्रेंड करने जैसे कार्यों पर जोरशोर से काम चल रहा है। सूरत के तापी फ़ूड के घनश्याम लुखी ने भाप ऊर्जा और सोलर ऊर्जा के उपयोग से अपनी फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री काम होने अपने अनुभव सुनाए। उनका मकसद भारतीय किसानों की आर्थिक हालत सुधारना है। वह फ्रूट जैम, जैलिज, जैली कैंडी, फ्रूट सीरप, टूटी फ्रुटी, आंवला कैंडी आदि कई चीजें बनाते हैं।  
 
वह ऐसी तकनीक का प्रयोग इन चीजों को बनाने में करते हैं जो किसान एक गाँव में भी करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को हाथ में लेने पर यह विचार जरूर कर लेना चाहिए कि इससे आप रोजगार पैदा कर रहे हैं कि नहीं साथ ही समाज के प्रति आपके कर्तव्य पूरे होते हैं या नहीं। उन्होंने ऐसे फ्रूट प्रोसेसिंग तरीके चुने हैं जिनसे 100 प्रतिशत क्वालिटी के अलावा पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
 
शफलर कन्सेंट्रेटर और स्टीम कुकिंग सिस्टम के निर्माता दीपक गाधिया ने बताया कि सोलर थर्मल एनर्जी न सिर्फ घरेलू बल्क़ि बड़े लेवल पर भी इस्तेमाल की जा रही है। इसका इस्तेमाल खाने बनाने के साथ साथ पानी साफ़ करने के लिए भी किया जा रहा है। इसके अलावा एयरकंडीशनिंग भी की जा रही है। ग्रीन इकोनॉमी न सिर्फ पर्यावरण बचाती है बल्कि रोजगार भी पैदा करती है।    
 
 
 
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