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लक्ष्मी प्राप्ति की अद्वितीय साधनाएँ

डॉ. दीप शर्मा

Mahalaxmi puja | लक्ष्मी प्राप्ति की अद्वितीय साधनाएँ
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शाबर मंत्र
लक्ष्मी प्राप्ति की अचूक साधनाएँ : वैदिक अथवा तांत्रोक्त अनेक ऐसे मंत्र हैं, जिसमें साधना करने के लिए अत्यंत सावधानी की जरूरत होती है। असावधानी से कार्य करने पर प्रभाव प्राप्त नहीं होता अथवा सारा श्रम व्यर्थ चला जाता है, परंतु शाबर मंत्रों की साधना या सिद्धि में ऐसी कोई आशंका नहीं होती। यह सही है कि इनकी भाषा सरल और सामान्य होती है।

मंत्रों को पढ़ने पर ऐसा कुछ भी अनुभव नहीं होता कि इनमें कुछ विशेष प्रभाव है, परंतु मंत्रों का जप किया जाता है तो असाधारण सफलता दृष्टिगोचर होती है। कुछ मंत्र तो ऐसे हैं कि जिनको सिद्ध करने की जरूरत ही नहीं है, केवल कुछ समय उच्चारण करने से ही उसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगता है। यदि किसी मंत्र की संख्या निर्धारित नहीं है तो मात्र 1008 बार मंत्र जप करने से उस मंत्र को सिद्ध समझना चाहिए।

दूसरी बात शाबर मंत्रों की सिद्धि के लिए मन में दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है। जिस प्रकार की इच्छा शक्ति साधक के मन में होती है, उसी प्रकार का लाभ उसे मिल जाता है। यदि मन में दृढ़ इच्छा शक्ति है तो अन्य किसी भी बाह्य परिस्थितियों एवं कुविचारों का उस पर प्रभाव नहीं पड़ता।

धन प्राप्ति मंत्र : यह मंत्र महत्वपूर्ण है। इस मंत्र का जप अर्द्ध रात्रि को किया जाता है। यह साधना 22 दिन की है और नित्य एक माला जप होना चाहिए। यदि शनिवार या रविवार से इस प्रयोग को प्रारंभ किया जाए तो उचित रहता है। इसमें व्यक्ति को लाल वस्त्र पहनने चाहिए और पूजा में प्रयुक्त सभी सामान को लाल रंग में रंग लेना चाहिए।

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दीपावली के दिन भी इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है और कहते हैं कि यदि दीपावली की रात्रि को इस मंत्र की 21 माला फेरे तो उसके व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक सफलता प्राप्त होती।
ऊँ नमो पद्मावती पद्मनये लक्ष्मी दायिनी वाँछाभूत प्रेत
विंध्यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि
वृद्धि कुरू कुरू स्वाहा। ऊँ क्लीं श्रीं पद्मावत्यैं नमः।

सर्व कार्य सिद्ध मंत्र : आर्थिक, व्यावसायिक या व्यापारिक दृष्टि से किसी भी प्रकार की सफलता एवं उन्नति के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है। 31 माला मंत्र जप करने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दीपावली की रात्रि को इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार की माला का प्रयोग साधक कर सकता है। आसन किसी भी प्रकार हो सकता है। यदि रात्रि में इस मंत्र को सिद्ध किया जाए तो विशेष सफलता प्राप्त होती है।

ऊँ नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धकारिणी जो पाती पूरे
विष्णु महेश तीनों देवतन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति श्री
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरोमंत्र ईश्वरो वाचा।

बिक्री बढ़ाने का मंत्र : व्यापार में बिक्री बढ़ाने का यह अद्भुत एवं अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग मात्र रविवार के दिन ही किया जाता है। किसी भी रविवार को प्रातः उठकर अपने हाथ में काले उड़द लेकर इस मंत्र का 21 बार जप करके उन उड़दों को व्यापार स्थल पर डाल दें, इस प्रकार केवल रविवार करें अर्थात् यह प्रयोग केवल रविवार के दिन ही किया जा सकता है। ऐसा करने पर उसके व्यापार में उन्नति होती है और आश्चर्यजनक रूप से बिक्री बढ़ती है।

भंवर वीर तूं चेला मेरा, खोल दुकान कहा कर मेरा, उठे
जो डंडी बिकै जो माल भंवर वीर खाली नहीं जाय।

लक्ष्मी प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र

- नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गाय को व अंतिम रोटी कुत्ते को दें तो आपके भाग्य का द्वार खुलने से कोई नहीं रोक सकता।

- कभी भी किसी को दान दें तो उसे दहलीज से अंदर न आने दें। दान घर की दहलीज के अंदर से न करें।

- नियमित रूप से प्रत्येक शुक्रवार को श्रीयुक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ किया जाए तो वहाँ माँ लक्ष्मी का स्थायी रूप से वास होता है।

- प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृहलक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डालें तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है।

- आर्थिक संपन्नता के लिए नियमित रूप से पीपल के वृक्ष में जल अवश्य दें।

- आर्थिक वृद्धि के लिए सदैव शनिवार के दिन गेहूँ पिसवाएँ तथा गेहूँ में एक मुट्ठी काले चने अवश्य मिला दें।

- यदि बुधवार के दिन आपके सामने कोई हिजड़ा आ जाए तो उसे अपने सामर्थ्य से कुछ पैसे अवश्य दें, चाहे वह स्वयं न माँगे।

- आप यदि कहीं जा रहे हो और मार्ग में आपका कोई मोर नाचता दिखाई दे तो आपको तुरंत उस स्थान की मिट्टी उठाकर अपने पास रख लें व घर आकर उस मिट्टी को धूप-दीप दिखाकर लाल रेशमी वस्त्र में रखकर अपनी तिजोरी में रख दें।