राहु
भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।
राहु
प्रेम संबंधों के पनपने के लिए उत्तरदायी होता है।
राहु
उनके लिए उत्तरदायी होता है।
राहु
रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें
राहु
की ही देन होती हैं।
राहु
झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है। जो प्रेम संबंध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो संबंध दिखावे के लिए होते हैं वेराहु
के ही बनावटी सत्य हैं।
राहु
व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है। बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विश्वास को सफलता पूर्वक जीतने की कला
राहु
के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता।
एकतरफा प्रेम का वह रूप है जिसमें व्यक्ति कभी अपने प्यार के सामने नहीं आता और फिर भी चुपचाप सब कुछ देखता रह जाता है, क्योंकि परिस्थितियां, ग्रह गोचर अनुकूल नहीं हैं बलवान नहीं हैं।राहु
वह लालच है जिसमें व्यक्ति को कुछ अच्छा-बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है। मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला गुस्सा, पीठ पीछे की बुराई यह सब
राहु
की विशेषताएं हैं। असलियत को सामने न आने देना ही
राहु
की खासियत है और हर तरह के झूठ का पर्दाफाश करना केतु का धर्म है।
का हाथ होता है। किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना का कारक
राहु
ही होता है। यदि आप मन से जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपका भ्रम है कि आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला
राहु
ही है।
राहु
पैदा करता है यदि आप पकडे जाए तो इसमें भी आपके
राहु
का दोष है क्योंकि वह आपकी कुंडली में आपके भाग्य में निर्बल है और यह स्थिति बार बार होगी। इसलिएराहु
का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता। जिस तरह कर्ण पिशाचिनी आपको गुप्त बातों की जानकारी देती है उसी तरह यदि
राहु
आपकी कुंडली में बलवान होगा तो आपको सभी तरह की गुप्त बातें बैठे बिठाए ही पता चल जाएंगी। यदि आपको लगता है की सब कुछ गुप्त है और आपसे कुछ छुपाया जा रहा है या आपके पीठ पीछे बोलने वाले लोग बहुत अधिक हैं तो यह भी
राहुकी ही करामात है।