यासीन मलिक का सच, जानिए...
कश्मीर के अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की आस्था पाकिस्तान से शुरू से ही जुड़ी हुई है। पहले वह गुपचुप तरीके से पाकिस्तानी नेताओं से बात करता या मिलता था, लेकिन अब वह खुलेआम।यासीन मलिक जैसे लोग पाकिस्तान के मोहरे हैं जो कश्मीर में अलगाव और आतंक फैलाने के लिए उनके इशारे पर कार्य करते हैं। यासीन मलिक जैसे नेताओं के कारण ही अफजल गुरु जैसे आतंकी जन्म लेते हैं। विपक्षी दल ने मांग की है कि यासीन पर नजर रखी जाए और उसे गिरफ्तार किया जाए।1963
में कश्मीर में जन्मे यासीन मलिक के पिताजी सरकारी बस के ड्राइवर थे। उसने पाकिस्तानी बाला मशाल हुसैन मलिक से निकाह किया है जो एक चित्रकार है। मशाल के पिता रहमान हुसैन पाकिस्तान में अच्छा खासा दखल रखते हैं। जब यासीन ने मशाल से निकाल किया था तब यासीन 42 और मशाल 28 वर्ष की थी। मशाल लंदन स्कूल ऑफ इकानोमिक्स से पेंटिग में स्नातक कर चुकी है। यासीन की एक 10 माह की बेटी भी है।यासीन मलिक खुद स्वीकार कर चुका है कि उसने 1987 में 4 भारतीय सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस दोष में उसे सजा भी काटनी पड़ी थी। यासीन मलिक 1999 और 2002 में गिरफ्तार हो चुका है। 2002 में तो उसे पोटा के तहत गिरफ्तार किया गया था। यासीन मलिक पर लगातार पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप लगते रहे हैं। 1990 में हिंदुओं का कत्लेआम कर उन्हें कश्मीर से बेदखल करने के आंदोलन में यासीन जैसे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।यासीन मलिक पर पहले से पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ संबंधों के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन भारत सरकार उसकी गतिविधियों को वोट बैंक की राजनीति के चलते उसकी हरकतों को नजरअंदाज करती रही है। इसी का परिणाम यह है कि उसके जैसे नेताओं के हौसले बुलंद होते गए। आज वह खुलेआम पाकिस्तना की गोद में बैठ गया है।