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Last Updated : शनिवार, 20 नवंबर 2021 (14:23 IST)

International Child Rights Day 2021 : अंतरराष्‍ट्रीय बाल अधिकार दिवस जानें क्यों मनाया जाता है

International Child Rights Day 2021 :  अंतरराष्‍ट्रीय बाल अधिकार दिवस  जानें क्यों मनाया जाता है - international child rights day
बड़े अपने अधिकार जरूर जानते हैं, और अगर वे नहीं जानते हैं तो कहीं न कहीं से तो पता कर लेते हैं। लेकिन अब बच्चों को भी स्मार्ट बनाने की जरूरत है। समूचे विश्व में बाल अधिकार दिवस मनाया जाता है। ताकि बच्चों के अधिकार के बारे में  लोगों को जागरूक कर सकें। और बाल अधिकार की सुरक्षा के लिए राष्‍ट्रीय सभा आयोजित की जाती है। हर साल यह दिवस बाल अधिकारों के पुनर्मूल्यांकन के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। बाल अधिकारों के अनुसार बचपन अर्थात उनके शारीरिक और मानसिक अपरिपक्वता के दौरान बच्चों की कानूनी सुरक्षा, देखभाल और संरक्षण करना बहुत जरूरी है।


जानें बाल अधिकार क्‍या है?

1959 में बाल अधिकारों की घोषणा को 20 नवंबर 2007 को पूर्ण रूप से स्वीकार किया गया था। बच्चों के बाल अधिकार की बात की जाए तो पहचान, भोजन, शिक्षा, सेहत, कपड़ा, मनोरंजन, उपेक्षा से सुरक्षा, गैर-कानूनी व्यापार से बचाव, बदसलूकी, शोषण से बचाव आदि है।
 
बाल अधिकार दिवस का उद्देश्य


- बच्‍चों का विकास हो।
- बच्चों को पढ़ाई का पूरा अधिकार है।
- बच्‍चों को मजबूत करने के लिए समाज का भी सहयोग रहे।
- बच्‍चों को उनके आम अधिकारों से वंचित नहीं रखा जाएं।
- बच्चों के अधिकारों के बारे में माता-पिता को जागरूक करना।
- पूरे देश और अन्य देशों में बच्चों को अच्छे से भरण-पोषण हो।
- नाबालिग बच्चों के शारीरिक शोषण, देह व्यापार पर लगाम लगाना। और गलत के खिलाफ आवाज उठाना।

बाल अधिकार दिवस मनाने की आवश्यकता -

बाल अधिकार दिवस मनाने की आवश्‍यकता क्‍यों महसूस हुई इसे लेकर हर किसी के मन में सवाल उठता है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बाल-बच्‍चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकें। बदलते दौर में बच्चे भी शारीरिक शोषण,बाल तस्करी, बाल मजदूरी का लगातार शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि अधिकारों को जानकर उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार और भेदभाव को रोकने के लिए आवाज उठा सकें। हालांकि इस दिन कई प्रकार की विभिन्न बच्चों से जुड़े विषयों पर प्रतियोगिताएं, अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाती है। ताकि बच्‍चों को धीरे-धीरे उनके बारे में जानकारी मिले और वे भी जागरूक होते रहें।

भारत में बच्चों के अधिकार
 
कोई भेद भाव नहीं, मां बाप की जिम्मेदारी, स्वास्थ्य सेवाएं, अच्छा जीवन स्तर, विकलांग बच्चों के लिए उचित व्यवस्था, नशीले पदार्थों से बचाव, शिक्षा की व्यवस्था, क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां, दुर्व्यवहार से रक्षा, अनाथ बच्चों की रक्षा, बाल श्रमिकों की सुरक्षा, बेचने, भगाने पर रोक, यौन शोषण से बचाव,यातना ,दासता पर रोक, किशोर न्याय का प्रबंध,शिक्षा का अधिकार।