राष्ट्रवाद किसी भी जाती, धर्म को तकलीफ देना नहीं है हम जहाँ है वहां के स्थान के अनुरूप हमें सोचना चाहिए राजनीती से हटकर दिल से सोचना चाहिए (अयोध्या के हर नागरिक को चाहे वे किसी भी धर्म या जाती के हो) की स्थान (अयोध्या) के अनुरूप वहां श्री राम मंदिर बनना चाहिए या नही तो जबाब दिल का बिलकुल साफ सुनाई देगा "हाँ" मगर पता नहीं कब हमारे देश से ये जाती, धर्म के भेद-भाव ऊपर उठ कर सभी अपने दिल की बात मानेंगे! सही मायने में राष्ट्रवादी चिंतन तभी हो पायेगा जब आप अपनी दिल की सुनेगें! __ किसी भी जाती, धर्म को तकलीफ देने के लिए ये पोस्ट नहीं लिख रहा हूँ, बस दिल में जो आया सो लिखा _ किसी को अगर मेरे पोस्ट द्वारा तकलीफ हुई हो तो मई क्षमा प्रार्थी हूँ!