जिम्बाब्वे के खिलाफ अभियान की शुरुआत करेगा दक्षिण अफ्रीका
हैमिल्टन। चोकर के ठप्पे को मिटाने के लिए बेताब दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट विश्व कप में रविवार अपने अभियान की शुरुआत ग्रुप बी में जिम्बाब्वे की कमजोर समझी जाने वाली टीम के खिलाफ करेगा।
टूर्नामेंट में जीत की दावेदार मानी जा रही दक्षिण अफ्रीका की टीम जीत के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी लेकिन जिम्बाब्वे की टीम उलटफेर करने में सक्षम है और उसने विश्व कप के अभ्यास मैचों में न्यूजीलैड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया था।
जिम्बाब्वेने पहले अभ्यास मैच में 157 रन तक न्यूजीलैंड के सात विकेट हासिल कर लिए थे जिसके बाद बारिश के कारण इस मैच को रद्द करना पड़ा। टीम ने दूसरे अभ्यास मैच में श्रीलंका को सात विकेट से हराया। जिम्बाब्वे इससे पहले 1999 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में भी दक्षिण अफ्रीका को हराकर उलटफेर कर चुका है।
वर्ष 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दोबारा हिस्सा बनने के बाद से दक्षिण अफ्रीका की टीम विश्व कप में अहम मौकों पर धराशायी होती रही है और टीम कभी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई। दक्षिण अफ्रीका की अगुआई एबी डिविलियर्स कर रहे हैं जिन्होंने पिछले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंद में शतक का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। गेंदबाजी और बल्लेबाजी में टीम संतुलित है जबकि उसका क्षेत्ररक्षण भी विश्व स्तरीय है।
टीम के पास हाशिम अमला के रूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं जो क्विंटन डि काक के साथ पारी की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा टीम के पास फाफ डु प्लेसिस, डिविलियर्स और जीन पाल डुमिनी जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज भी हैं। टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल की तूफानी जोड़ी करेगी। इसके अलावा वर्नन फिलेंडर और काइल एबोट की मौजूदगी में टीम का गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है। टीम के पास इमरान ताहिर और आरोन फागिंसो के रूप में दो स्पिनर भी हैं जो विरोधी टीमों को परेशान कर सकते हैं।
दूसरी तरफ जिम्बाब्वे को हाल में संघर्ष करना पड़ा है। उसे पिछले साल बांग्लादेश के खिलाफ 0-5 से शिकस्त का सामना करना पड़ा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के कोच डेव वाटमोर के टीम की कमान संभालने के बाद उसे नया जीवन मिला है। वॉटमोर के मार्गदर्शन में श्रीलंका ने 1996 में विश्व कप जीता था जबकि 2007 में बांग्लादेश सुपर आठ में जगह बनाने में सफल रहा था।
जिम्बाब्वे की टीम अगर अभ्यास मैच की फार्म को बरकरार रखती है तो टीम इंग्लैंड में 1999 विश्व कप के प्रदर्शन को दोहरा सकती है जब चेम्सफोर्ड में नील जानसन ने 76 रन बनाने के अलावा तीन विकेट चटकाकर टीम को जीत दिलाई थी। (भाषा)