भले ही भारतीय कानून की नजरों में समलैंगिक संबंध अपराधों की श्रेणी में आते हैं परंतु प्यार करने वाले दो दिलों के लिए ये एक स्वाभाविक कृत्य है। 'सेक्स' और 'कामुकता' जैसे मुद्दों पर चुप्पी साधने वाला समाज इस मुद्दे पर तब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाएगा जब तक वह अपनी संकीर्ण विचारधारा के दायरे से बाहर निकलकर इन मुद्दों पर खुली चर्चा नहीं करता।और भी पढ़ें : |