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Written By Naidunia
Last Modified: आलीराजपुर , शुक्रवार, 30 सितम्बर 2011 (21:01 IST)

सालभर में ही दम तोड़ दिया सड़क ने

सालभर में ही दम तोड़ दिया सड़क ने -
जिले के आम्बुआ ग्राम के करीब प्रधानंमत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित अखोली-बोरझाड़ सड़क मार्ग (10.35 किमी) ने एक वर्ष में ही दम तोड़ दिया है। बड़े-बड़े गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं। उधर, योजना के महाप्रबंधक का कहना है कि सड़क की दुर्दशा के लिए रेत से भरे 30-40 टन वजनी वाहनों का गुजरना है। इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है।


उल्लेखनीय है कि अखोली से बोरझाड़ तक सड़क मार्ग की हालत पूर्व में बहुत खराब थी। वाहनों का आना-जाना तक बंद था। जर्जर सड़क मार्ग के जीर्णोद्धार के लिए नईदुनिया ने भी समय-समय पर कई बार प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत यह मार्ग स्वीकृत हुआ। पिछले वर्ष ही 244.46 लाख रुपए लागत से इसका निर्माण किया गया। करीब 20 वर्षों से जर्जर सड़क की त्रासदी भोग रहे क्षेत्रवासियों एवं वाहन संचालकों को उम्मीद थी कि अब नई सड़क का सुख उठाएँगे। किंतु सालभर में ही उनकी आशाओं पर पानी फिर गया।


जगह-जगह से उखड़ने लगी सड़क

सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद से ही इसकी गुणवत्ता पर उँगलिया उठने लगी थीं। घटिया कार्य होने से एवं बड़ी संख्या में भारी वाहनों के गुजरने से मात्र एक वर्ष के भीतर ही सड़क जगह-जगह से उखड़ने लगी। अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। क्षमता से अधिक रेत से भरे ट्रक प्रतिदिन बड़ी संख्या में इस मार्ग से गुजरते हैं गड्ढेनुमा सड़क से वाहन चालक जैसे-तैसे गंतव्य पर पहुँच रहे हैं।


जाँच व मरम्मत की माँग

ज्ञातव्य है कि आलीराजपुर से झाबुआ आने-जाने के लिए यह मार्ग सबसे सुगम और कम दूरी वाला है। किंतु मजबूरी में लोग व्हाया जोबट होकर झाबुआ आना-जाना कर रहे हैं। अनुबंध के अनुसार 5 वर्ष तक इस सड़क की मरम्मत व देखरेख का जिम्मा निर्माण एजेंसी का है। परन्तु कंपनी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। वहीं शासन-प्रशासन के नुमाइंदे भी आँखें मूँदकर बैठे हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अजमेरसिंह रावत, सरपंच वेस्ताभाई, जुवानसिंह रावत, डॉ. राजेंद्रसिंह राठोर, काईद जौहर आदि सहित वाहन संचालकों ने निर्माण कार्य की जाँच एवं मार्ग की मरम्मत करने की माँग की है।


40 टन वजनी वाहनों से हुई दुर्दशा

यह सड़क आठ टन वजन परिवहन क्षमता के अनुकूल है। इस पर रेत से भरे 30-40 टन वजनी वाहन चल रहे हैं सड़क की दुर्दशा का मुख्य कारण यही है। इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसकी मरम्मत का काम शीघ्र प्रारंभ करेंगे। साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा नई सड़क बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।


- एसडी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, आलीराजपुर