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Last Updated : गुरुवार, 11 अप्रैल 2019 (14:55 IST)

क्या वोटर लिस्ट में नाम ना होने पर ‘चैलेंज वोट’ से किया जा सकता है मतदान...जानिए सच...

क्या वोटर लिस्ट में नाम ना होने पर ‘चैलेंज वोट’ से किया जा सकता है मतदान...जानिए सच... - viral post says you can ask for a challenge vote if your name is not on a voter list
सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी शेयर किया जा रहा है। मैसेज में मतदाता को चैलेंज वोट और टेंडर वोट के बारे में बताया गया है। वायरल मैसेज में लिखा है- ‘यदि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो आधारकार्ड या मतदाता पहचानपत्र दिखाकर धारा 49ए के तहत “चुनौती वोट” मांगें और वोट डालें। यदि किसी ने आपका वोट पहले ही डाल दिया है, तो “टेंडर वोट” मांगें और वोट डालें। यदि किसी भी बूथ में 14% से अधिक टेंडर वोट रिकॉर्ड हुए, तो पोलिंग बूथ में पुनर्मतदान किया जाएगा।’

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट देखें-

सच क्या है?

हमने वायरल मैसेज की सच्चाई जानने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट देखी, जिसमें हमें पोलिंग एजेंट के लिए एक हैंडबुक मिली। उससे पता चला कि वायरल मैसेज आंशिक रूप से सही है। मैसेज में तीन दावे किए जा रहे हैं। उनमें से सिर्फ एक ही दावा सच है, बाकी दो दावे फेक हैं। आइए, अब एक-एक करके तीनों दावों की सच्चाई बताते हैं...

पहला दावा: यदि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो आधारकार्ड या मतदाता पहचानपत्र दिखाकर धारा 49ए के तहत “चुनौती वोट” मांगें और वोट डालें।

फैक्ट: झूठ

इस दावे में भी तीन पॉइंट्स हैं। पहला, मतदाता सूची में नाम न हो तो भी वोट डाल सकते हैं। दूसरा, धारा 49A और तीसरा, चुनौती वोट।

भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, अगर किसी भी मतदाता का नाम निर्वाचक सूची में नहीं है, तो उसके पास मतदाता फोटो पहचान पत्र होने के बावजूद वह व्यक्ति मतदान नहीं कर सकता।

भारत निर्वाचन आयोग के ‘चुनाव नियमों का संचालन’ के अनुसार धारा 49A इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के डिजाइन से संबंधित है।

भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, अगर पोलिंग एजेंट को किसी भी मतदाता के पहचान में शंका हो तो वह ‘चैलेंज्ड वोट’ प्रक्रिया शुरू कर सकता है। अगर मतदाता ने अपने पहचान पत्र के जरिए किए गए चुनौती को खारिज कर दिया तो उसे मतदान करने की अनुमति मिलेगी, वरना स्वीकार्य पहचान प्रमाण ना मिलने पर वोटर को पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।

दूसरा दावा: यदि किसी ने आपका वोट पहले ही डाल दिया है, तो “टेंडर वोट” मांगें और वोट डालें।

फैक्ट: सच

भारत निर्वाचन आयोग के धारा 49P के तहत अगर किसी भी मतदाता को यह पता चलता है कि उसका मतदान किसी और ने कर दिया है, तो वह ‘टेंडर वोट’ की मांग कर सकता है। अपनी पहचान का प्रमाण देने के बाद उसे मतदान की अनुमति देने के लिए फॉर्म 17B भरा जाएगा और फिर उसे मतदान के लिए मतपत्र दिया जाएगा।

तीसरा दावा: यदि किसी भी बूथ में 14% से अधिक टेंडर वोट रिकॉर्ड हुए, तो पोलिंग बूथ में पुनर्मतदान किया जाएगा।

फैक्ट: झूठ

भारत निर्वाचन आयोग के हैंडबुक में टेंडर वोट होने की स्थिति में दोबारा मतदान कराने को लेकर कोई निश्चित प्रावधान नहीं है। महाराष्ट्र के CEO का कहना है कि यह स्थिति बहुत कम ही देखने को मिलती है। लेकिन अगर ऐसा होता भी है तब भी दोबारा मतदान करवाने का कोई प्रावधान नहीं है।

वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया है कि मतदाता सूची में नाम ना होने पर चैलेंज वोट नहीं किया जा सकता और ना ही किसी बूथ पर 14% से ज्यादा टेंडर वोट पड़ने पर चुनाव दोबारा करवाया जाएगा। वायरल मैसेज में सिर्फ टेंडर वोट वाला दावा ही सच है।
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