बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने के नियम

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को घर में स्थापित करने के लिए कुछ वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वे नियम।

social media

मां सरस्वती ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं। इनकी पूजा करने से बुद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में सफलता मिलती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां सरस्वती की प्रतिमा को सही दिशा में स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

आइये जानते हैं मां सरस्वती की प्रतिमा घर में किस दिशा में स्थापित करें?

मां सरस्वती की प्रतिमा को घर में तीन दिशाओं में स्थापित किया जा सकता है-

पूर्व दिशा: पूर्व दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है।

इस दिशा में विद्यार्थी मुख करके पढ़ते हैं, तो उन्हें हमेशा सफलता मिलती है।

उत्तर दिशा: उत्तर दिशा को शांति, ज्ञान और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का स्थान माना जाता है।

उत्तर दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है।

उत्तर-पूर्व दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का केंद्र माना जाता है।

इस दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है।

मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते समय इन बातों का ध्यान रखें...

मां सरस्वती को सफेद रंग बहुत प्रिय है। इसलिए उनकी प्रतिमा सफेद रंग की होनी चाहिए।

मां सरस्वती के हाथ में वीणा होती है। आप उनकी प्रतिमा के पास वीणा या कोई अन्य वाद्य यंत्र रख सकते हैं।

मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। इसलिए उनकी प्रतिमा के पास किताबें रखना शुभ माना जाता है।

प्रतिमा स्थापित करने के बाद प्रतिदिन शाम को मां सरस्वती के सामने घी का दीपक जलाएं।