अक्सर भगवान श्री राम की बाल या राजा रूप में पूजा जाता है लेकिन इस गांव में श्री राम को मामा कहा जाता है...
भगवान श्री राम सहित चारों भाइयों के जन्म से पहले राजा दशरथ को एक पुत्री हुई थी।
इस पुत्री का नाम शांता कुमारी रखा गया था।
राजा दशरथ और रानी कौशल्या ने अपनी बड़ी पुत्री शांता को राजा रोमपाद को गोद दे दिया था।
बाद में उन्हीं शांता कुमारी का विवाह श्रृंगी ऋषि से करवाया गया था।
श्रृंगी ऋषि पहले अवध प्रदेश में रहा करते थे। एक बार वहां सूखा पड़ जाने के कारण श्रृंगी ऋषि अंग प्रदेश में आ गए।
फिर वही सूर्यगढ़ा में रहकर श्रृंगी ऋषि ने यज्ञ करवाया था। जिसके बाद पूरे अंग प्रदेश में बारिश हुई थी।
श्रृंगी ऋषि ने ही राज दशरथ के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था तब दशरथ जी जो चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।
आगरा के रुनकता क्षेत्र के गांव सिंगना में यमुना किनारे श्रृंगी ऋषि का आश्रम है। पहले इसका नाम श्रृंगबेरपुर था।
आज भी वहां ऋषि श्रृंगी का आश्रम मौजूद है। वहां के लोग भगवान श्री राम को मामा के रूप में मानते हैं।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के इलाके का उल्लेख महाभारत में अंगदेश के रूप में किया जाता है।