वाल्मीकि से लेकर तुलसीदास तक आपने कई प्रकार की रामायण के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आप उर्दू में लिखी गई रामायण के बारे में जानते हैं

Social Media

1919 में लाहौर से उर्दू में श्री रामचरित मानस प्रकाशित हुई थी।

Social Media

महात्मा शिवव्रत लाल ने 103 साल पहले उर्दू में इसका ट्रांसलेशन किया था।

Social Media

मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरियन डॉ. जे.ए. सिद्दिकी ने इसकी जानकारी दी थी।

Social Media

उन्होंने 6 साल पहले मेरठ के सरधना निवासी मुकर्रम अली नामक शख्स से यह किताब ली थी।

Social Media

डॉ. सिद्दिकी ने बताया कि मुकर्रम की दी हुई किताब आज राजा महेंद्र प्रताप लाइब्रेरी में है।

Social Media

यह रामायण 1321 पन्नों की है जिसे कुतुब लाहौरी दरवाज़ा ने प्रकाशित किया था।

Social Media

इस रामायण में श्रीराम से हनुमान का मिलन और अशोक वाटिका में सीता जैसे चित्रों को हाथों से बनाया गया है।

Social Media

अयोध्या में श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले युवाओं को यह रामायण आकर्षित कर रही है।

Social Media