नहीं करते हैं पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध? हो सकते हैं ये नुकसान

जो लोग पितृपक्ष में श्राद्ध नहीं करते उनके जीवन में कई सारी गंभीर समस्याएं आती हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में...

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पितृपक्ष दिवंगत आत्माओं को समर्पित है।

पितृपक्ष में पितरों को अपने वंशों से आशा रहती है कि वे उनका श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान करेंगे।

इसी आशा के साथ आश्विन मास में पितृपक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं।

ऐसे में, अगर उनके वंशज श्राद्ध न करें तो पितर प्रसन्न नहीं होते हैं।

जो लोग पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध-तर्पण नहीं करते हैं उन्हें पितृदोष लगता है।

व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

व्यापार में नुकसान, धन हानि और गरीबी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म न करने से वंशजों के जीवन में बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है।