नाग पंचमी पर राशि अनुसार ये उपाय आजमाएं...
रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करें।
नागपंचमी से नियमित रूप 1 तांबे का टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें (अगले 40 दिनों तक)।
जातक नागपंचमी से शुरू करके अगले 40 दिनों तक कुष्ठ रोगी को मूली और अन्य सब्जी दान करें।
नागपंचमी से अगले 8 दिनों तक बहते हुए जल में नारियल प्रवाहित करें।
1 लाल कपड़े में नारियल और 4 बादाम बांधें और किसी गड्ढे में दबा दें।
नागपंचमी के दिन से 5 दिनों तक शिव मंदिर में खोपरा-मिश्री का प्रसाद चढ़ाएं।
जौ के दाने अपने सिरहाने रखकर सोएं और अगले दिन पक्षियों को खिलाएं।
नागपंचमी के दिन नाग देव के पूजन के साथ श्री गणेश के पूजा करके लड्डुओं का भोग लगाएं।
अगर कहीं सपेरों के पास पिटारी दिखें तो खरीदें और नाग देव को मुक्त कराएं।
नागपंचमी से हर शनिवार को 11 दिनों तक तिल तथा जौ का दान करें।
नागपंचमी के दिन कोयले को बहते जल में प्रवाहित करें। नागदेव के मंत्रों का जाप करें।
शिव मंदिर में नागदेव के 10 नामों के साथ अष्टधातु का कड़ा हाथ में पहनें।