नवरात्रि की तीसरी देवी चंद्रघंटा के 7 रहस्य
नवरात्रि की तृतीया पर माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा होती है, जानिए 7 रहस्य-
webdunia
चंद्र घंटा अर्थात् जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है।
मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’
मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत प्रिय है। माता चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है।
इस दिन हल्का भूरा रंग या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ है।
तृतीया को दूध से अभिषेक व दूध की वस्तु चढ़ाने से दुख से मुक्ति मिलती है।
माता के तीन नैत्र और दस हाथ हैं। हाथों में कमल, गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, खड्ग, खप्पर, चक्र आदि अस्त्र-शस्त्र हैं।
मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक के सभी पाप व बाधाएं खत्म हो जाते हैं और वह पराक्रमी एवं निर्भय हो जाता है।
नवरात्रि की तीसरी शक्ति आपको आशीष दें, हमारी शुभकामनाएं