12 साल से कम उम्र और 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों को यहां की यात्रा से बचना चाहिए।
यदि आप हेलिकॉप्टर की सुविधा चाहते हैं तो अभी बुकिंग करा लें।
16 किलोमीटर पहाड़ों पर चलना होता है तो पैदल चलने की प्रैक्टिस होना चाहिए।
ठहरने के लिए पहले से ही आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग में बुकिंग करा लें।
लाइफ जैकेट, जीपीएस मोबाइल, संपर्क बुक, फोटो आईडी, कर्पूर, टॉर्च, फोल्डिंग छड़ी, उनी कपड़े, सूखे मेवे आदि रख लें।
हरिद्वार-ऋषिकेश से सोनप्रयाग 235 किमी. और सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किमी, गौरीकुंड से केदारनाथ 16 किमी. पड़ता है।
मई से अक्टूबर के मध्य ही यात्रा कर सकते हैं।
ठंडी हवाओं और बारिश से बचने के लिए रेनकोट के साथ ही कंबल लेकर जाएं।
रात में यात्रा न करें क्योंकि जंगली जानवरों के साथ ही प्राकृतिक आपदा का खतरा बना रहता है।
आप एक ही दिन में यात्रा करना चाहते हैं तो शाम के पूर्व ही गौरीकुंड पहुंच जाएं, क्योंकि शाम के बाद वहां के मौसम का कोई भरोसा नहीं।