पतंग उड़ाने के पीछे क्या है धार्मिक महत्व?

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाना सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व छिपा है। आइए जानें...

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उत्तरायण सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का पर्व है।

संक्रांति आध्यात्मिक रूप से सूर्य देव की आराधना का दिन माना जाता है।

इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ता है।

माना जाता है कि पतंग आसमान में उड़ाते समय हमारी प्रार्थनाएं भगवान तक पहुंचती हैं, और हमारे पाप दूर हो जाते हैं।

मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं का दिन आरंभ होता है।

मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।

इसलिए मकर संक्रांति पर गंगासागर (पश्चिम बंगाल) में मेला लगता है।

पतंग उड़ाने के पीछे मुख्य कारण कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना भी है।

इस दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है और यह पर्व भारत में फसलों के आगमन की खुशी के रूप में मनाया जाता है।