हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा की 10 बड़ी बातें

हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ गुड़ी पड़वा यानी चैत्र माह के पहले दिन से होता है, जानिए 10 खास जानकारियां हैं-

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हिन्दू नववर्ष के प्रथम दिन को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा कहते हैं। इस दिन लोग नई फसल की पूजा करते हैं।

गुड़ी पड़वा के दिन घरों की विशेष साफ-सफाई करने के बाद द्वार पर रंगोली बनाते।

द्वार पर आम के पत्तों का बंदनवार लगाते हैं, मराठी महिलाएं घरों के बाहर सुंदर और आकर्षक गुड़ी लगाती हैं।

खासतौर पर पूरन पोली बनती। यानि मीठी रोटी, इसे गुड़, नीम, नमक और इमली के साथ बनाते हैं।

मान्यता है कि गुड़ी को घर में लाने से बुरी आत्मा दूर रहती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार मानते हैं कि इस दिन रावण को हराने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे।

विक्रम संवत हिंदू पंचांग के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था।

वीर मराठा छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद पहली बार गुड़ी पड़वा को मनाया था।

कड़वे नीम की पत्तियों को खाकर दिन की शुरुआत करते हैं। इससे खून साफ होता और शरीर मजबूत बनता है।

इस दिन सोना, वाहन या मकान की खरीद या किसी काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।