हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे उत्तम और सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लेकिन इस तरह गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए...
गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा सकता है।
मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते हैं लेकिन रात्रि में इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए।
गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थिक बाधा दूर होती है।
इस मंत्र के जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है।
जप से पहले स्नान आदि कर्मों से खुद को पवित्र कर लेना चाहिए।
घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर गायत्री माता का ध्यान करते हुए मंत्र का जप करना चाहिए।
गायत्री मंत्र का जप करने से उत्साह एवं सकारात्मकता बढ़ती है।
नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से चेहरे पर तेज आता है।
गायत्री मंत्र का जप करने वालों को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए।
गायत्री मंत्र का जप कर रहे हैं तो पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।