अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन होगा। जानें विसर्जन विधि और सावधानी

1. गणेशजी की पूजा करने के बाद, हवन करें और फिर स्वस्तिवाचन का पाठ करें।

2. लकड़ी के पाट पर स्वस्तिक बनाकर अक्षत रखें, पीला कपड़ा बिछाकर चारों कोनों में पूजा की सुपारी रखें।

3. अब जिस स्थान पर मूर्ति रखी थी वहां से उठाकर जयघोष के साथ उन्हें इस पाट पर विराजमान करें।

4. विराजमान करने के बाद गणेशजी के सामने फल, फूल, वस्त्र और मोदक के लड्डू रखें।

5. एक बार पुन: आरती करके उन्हें भोग लगाएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।

6. अब रेशमी वस्त्र में फल, फूल, मोदक, सुपारी आदि की पोटली बांधकर गणेशजी के पास रख दें।

7. अब दोनों हाथ जोड़कर गणपतिजी से प्रार्थना करें। भूल-चूक या गलती हो गई हो तो क्षमा मांगें।

8. जयकारे लगाते हुए पाट सहित उठाकर उन्हें अपने सिर या कंधे पर रखें और विसर्जन स्थान पर ले जाएं।

9. विसर्जन के समय उनकी कर्पूर से आरती करें और खास मंत्र बोलें-

10. श्री गणेश विसर्जन मंत्र - यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥

11. श्री गणेश विसर्जन मंत्र- गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर। मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥

12. इसके बाद हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हुए अगले बरस आने का निवेदन करते हुए घर आ जाएं।

गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ...