हिन्दू धर्म में पंचामृत या चरणामृत का प्रसाद बांटा जाता है लेकिन क्या आपको इसके फायदे जानते हैं?
पंचामृत या चरणामृत के साथ तुलसी का सेवन जरूरी है।
तुलसी का पौधा एक एंटीबायोटिक मेडिसिन होता है।
इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
तांबे के बर्तन में चरणामृत रूपी जल रखने से उसमें तांबे के औषधीय गुण आ जाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है।
इसका जल मस्तिष्क को शांति और निश्चिंतता प्रदान करता हैं।
चरणामृत बुद्धि, स्मरण शक्ति को बढ़ाने भी कारगर होता है।
चरणामृत ग्रहण करने के बाद बहुत से लोग सिर पर हाथ फेरते हैं।
लेकिन शास्त्रीय मत है कि ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है।