गणेशोत्सव के दसवें दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। जानिए 8 खास बातें
अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णुजी के अनंत रूप की पूजा का विधान है।
इस दिन श्रीहरि विष्णु से धन-धान्य, सुख-संपदा और संतान आदि की कामना करते हुए व्रत करते हैं।
अनंत रूप की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है।
अनंत सूत्र की 14 गांठ होती हैं जो चतुर्दशी और विष्णुजी के 14 लोकों का प्रतीक हैं।
भगवान अनंत की पूजा करने से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
श्रीकृष्ण की सलाह पर जब पांडवों ने किया पूजन को उन्हें कष्टों से छुटकारा और पुन: राजपाट मिला।
भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं। शेषनाग का नाम अनंत भी है।
अनंत चतुर्दशी पर श्री कृष्ण द्वारा युधिष्ठिर से कही गई कौण्डिन्य एवं उनकी पत्नी शीला की गाथा सुनाई जाती है।